भीलवाड़ा/अजमेर। भीलवाड़ा जिले के गुलाबपुरा रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात यात्रियों से भरी खजुराहो-उदयपुर एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बच गई। अज्ञात बदमाशों ने रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लगी लोहे और लकड़ी की टेबलें उठाकर रात के अंधेरे में ट्रेक पर रख दीं।
ट्रेन की टक्कर से टूटी लोहे की टेबल।तेजी से आ रही ट्रेन इनसे टकराई और तेज धमाका हुआ। यह धमाका करीब 2-3 किलोमीटर तक सुनाई दिया। भगवान का शुक्र रहा कि ट्रेन पटरी से नहीं उतरी। मंडल रेल प्रबंधन ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। इसमें भाजपा नेता के भाई पर भी शक की सूई है।
शनिवार रात करीब डेढ़ बजे यशवंत नगर एक्सप्रेस वहां से गुजरी तब ट्रेक क्लीयर था। लेकिन रात 2.18 बजे जब खजुराहो एक्सप्रेस रनिंग थ्रू गुजरी तो पटरी पर टेबलें पड़ी थीं। चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाए लेकिन रफ्तार तेज होने के कारण ट्रेन टेबलों से तेजी से टकरा गई। इससे टेबलें टूटकर बिखर गईं। गनीमत रही कि उनके टुकड़े ट्रेन में नहीं फंसे।
धमाका सुनकर आसपास के लोग और सवारियां जाग गईं। चालक ने ट्रेन रोक दी और उसकी जांच की। यात्रियों में खौफ फैल गया। सूचना मिलते ही रेलवे अधिकारी और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंच गया। करीब आधा घण्टे बाद ट्रेन रवाना की जा सकी।
इन पर है शक
गुलाबपुरा और बिजयनगर स्टेशन आस-पास ही स्थित है। पिछले दिनों एक प्रभावशाली बीजेपी नेता के भाई ने जेसीबी से गड्ढा खोदने के दौरान रेलवे की टेलीफोन लाइन काट दी थी।
जब भीलवाड़ा से रेलवे इंजीनियर की टीम मौके पर पहुंची तो उनमें विवाद हो गया। इस पर आठ-दस लोगों ने रेलवे कर्मचारियों पर हमला कर दिया। वहां से जान बचाकर वे बिजयनगर स्टेशन में शरण लेने पहुंचे तो पीछे पीछे आरोपी वहां भी आ धमके और कर्मचारियों को पीटकर भाग गए।
इस मामले में रेल कर्मचारियों के आंदोलन करने के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है लेकिन प्रभावशाली बीजेपी नेता का भाई पुलिस पकड़ से दूर है। रेल प्रशासन को शक है कि ट्रेन दुर्घटना की साजिश में उसका हाथ हो सकता है।