अजमेर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार पूर्वाह्न सपरिवार तीर्थराज पुष्कर में पवित्र सरोवर की पूजा अर्चना कर जगतपिता ब्रह्मा मंदिर के दर्शन किए।
कोविंद सुबह वायुसेना के विशेष हेलीकाप्टर से घूघरा हेलीपेड पहुंचे जहां सामान्य प्रशासन मंत्री हेम सिंह भडाना, उधोग मंत्री राजपाल सिंह, शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी और महिला एवं बाल विकास मंत्री अनीता भदेल सहित वरिष्ठ प्रशासनिक ओर पुलिस अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति अपने परिवार के साथ सुबह पुष्कर पहुंचे और सबसे पहले पवित्र पुष्कर के ब्रह्म घाट पहुंचकर सरोवर की पूजा अर्चना की जहां पर पुजारी प्रेमचंद पाराशर ने पूरे विधिविधान के साथ उन्हें पूजा अर्चना कराई। राष्ट्रपति यहां करीब बीस मिनट तक रुके और ध्यानमग्न रहकर पूरी आस्था के साथ पवित्र सरोवर की पूजा की।
खास बात यह है कि पहले राष्ट्रपति शंकराचार्य मंदिर के पास बनी सीढ़ियों के पास ही पूजा करने वाले थे लेकिन उन्होंने स्वयं प्रस्ताव कर नीचे सरोवर तक पहुंचकर पूजा करने में रुचि दिखाई। इस दौरान उनकी पत्नी सविता कोविंद तथा पुत्री स्वाति कोविंद ने भी पूजा अर्चना की।
इस मौके पर पूजा कराने वाले राजपुरोहित प्रेमचंद पाराशर ने राष्ट्रपति के समक्ष पोथी प्रस्तुत की। जिसमें उनके भावनाएं लिखने का आग्रह किया गया लेकिन राष्ट्रपति ने कुछ लिखने की बजाए पुजारी को शगुन के तौर पर दक्षिणा के तौर पर एक लिफाफा भेंट किया। साथ ही राष्ट्रपति को भेंट की गई पुष्कर सरोवर की तस्वीर को उन्होंने राष्ट्रपति भवन में सुशोभित करने की बात भी कही।
इसके बाद राष्ट्रपति का काफिला जगतपिता ब्रह्मा मंदिर पहुंचा। राष्ट्रपति के ब्रह्मा मंदिर पहुचने पर मंदिर के पुजारी ने राष्ट्रपति दंपती का स्वागत किया। पैर में तकलीफ की वजह से वे ऊपर नहीं जा सके तो मंदिर की सीढ़ियों से ही पुजारी लक्ष्मीनिवास वशिष्ठ ने ब्रह्माजी की आरती व पूजा करवाने के बाद उन्हें इलायची की माला, फूलों की माला पहनाई और उन्हें अंग वस्त्र तथा श्रीमती कोविंद को दुपट्टा भेंट किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने ब्रह्म घाट व ब्रह्मा मंदिर पर उपस्थित सभी लोगों का हाथ जोड़कर अभिवादन व धन्यवाद ज्ञापित किया। राष्ट्रपति पुष्कर में लगभग पौन घंटे तक रहे।