जयपुर। भारतीय राष्ट्रध्वज करोडों भारतीयों के लिए अस्मिता का विषय है। कुछ अपवाद छोड अन्य किसी भी बात के लिए इसका उपयोग करना कानूनन संज्ञेय और अप्रतिभू (गैरजमानती) अपराध है। ऐसा होते हुए भी इस संवेदनशील विषय को गंभीरता न लेते हुए एमेजॉन, इंडियामार्ट, फेमअसशॉप, मिंत्रा, स्नैपडील, फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन शॉपिंग जालस्थलों पर कोरोना का संसर्ग रोकने के लिए 15 अगस्त के उपलक्ष्य में भारतीय राष्ट्रध्वज के रंग वाले मास्क बनाकर उनकी विशाल मात्रा में बिक्री की जा रही है।
उनपर राष्ट्रध्वज के अनादर के प्रकरण में अपराध प्रविष्ट कर कानूनन कार्यवाही करनी चाहिए। इसके साथ ही ऐसे मास्क की बिक्री, उत्पाद और वितरण नहीं होगा, इस दृष्टि से शासन को तुरंत ठोस कदम उठाने चाहिए, ऐसी मांग ‘सुराज्य अभियान’ उपक्रम के निवदेन के माध्यम से हिन्दू जनजागृति समिति ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री से की है।
राष्ट्रध्वज कोई सजावट की वस्तु नहीं है। इस प्रकार के मास्क का प्रयोग करने पर छींकना, थूक लगना, अस्वच्छ होना और अंत में कचरे में डालना इत्यादि के कारण राष्ट्रध्वज का अनादर होगा। ऐसा करना राष्ट्रीय मानचिन्हों का गलत प्रयोग रोकना कानून 1950, कलम 2 और 5 के अनुसार इसके साथ ही राष्ट्र प्रतिष्ठा अनादर प्रतिबंध अधिनियम 1971 की धारा 2 के अनुसार व बोधचिन्ह व नाम (अनुचित उपयोग पर प्रतिबंध) अधिनियम 1950 ये तीनों कानून के अनुसार दंडनीय अपराध है। इसलिए हमारी मांग है कि शासन इस पर कठोर कार्यवाही करे।
हिन्दू जनजागृति समिति गत 18 वर्षों से राष्ट्रध्वज का सम्मान करें अभियान चला रही है। राष्ट्रध्वज का अनादर रोकने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा वर्ष 2011 में मुंबई उच्च न्यायालय में जनहित याचिका प्रविष्ट की गई थी। उस पर निर्णय देते हुए सरकार को निर्देश दिए थे कि सरकार राष्ट्रध्वज का होने वाली विडंबना और उसका अनादर रोके।