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माली-सैनी समाज के 110 मेधावी बच्चों को किया सम्मानित


अजमेर। माली सैनी संस्थान की ओर से 8वां प्रतिभावान, मेधावी विद्यार्थी सम्मान समारोह रविवार को नयाघर गुलाबबाडी स्थित आनंद पैलेस में भामाशाह त्रिलोकचंद इंदौरा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस मौके पर 110 प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।

इस मौके पर मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत ने लि​खमीदास महाराज और भारत माता के जयकारे लगवाए। उन्होंने कहा कि समाज की उभरती प्रतिभाओं के बीच जाने का अवसर मिलता है तो गर्व महसूस होता है। महात्मा ज्योतिबा फूले जैसे महापुरुषों और संत लिखमीदास महाराज ने बडी ही विकट और विपरीत परिस्थितियों के बीच समाज में जागृति लाने के लिए शिक्षा की अलख जगाई थी। उन्हें पता था कि समाज को आगे बढाने, पिछडों व दलितों के उत्थान का मार्ग शिक्षा से होकर निकलेगा। समाज शिक्षित और आर्थिक रूप से मजबूत होगा तो मजबूरी और पिछडेपन से स्वत: मुक्ति मिल जाएगी। वर्तमान में प्रतिभाओं का सम्मान करना भी ऐसे महापुरुषों के काम को आगे बढाने वाले के समान ही है। वर्तमान पीढी शिक्षा के महत्व को हल्के में ना ले, भावी पीढी को भी शिक्षा के लिए प्रेरित करे। प्रतिस्पर्द्धा के युग में खरा उतरने के लिए शिक्षा ही एकमात्र रास्ता है।

समाज से मिलने वाले सहयोग से मिलता है प्रोत्साहन

समाजबंधुओं, संस्थाओं को ऐसे प्रतिभाशाली बच्चों को आगे की पढाई जारी रखने के लिए संबल प्रदान करना होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जोधपुर में समाज की ओर से संचालित कोचिंग संस्थान में आरएएस, आईएएस समेत अनेक सरकारी नौकरियों के लिए प्रतिभावान बच्चों को तैयारी कराई जाती है। खुशी की बात है कि उक्त संस्थान के प्रयासों से अब तक करीब 18000 बच्चे प्रशिक्षण और कोचिंग प्राप्त कर विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी विभागों में सेवा दे रहे हैं। समाज के बच्चे पढेंगे तो ओबीसी के तहत मिलने वाले आरक्षण लाभ भी उठा सकेंगे। नए अवसरों की राह शिक्षा अर्जन से ही निकलेगी। प्रतिभावान बच्चे लक्ष्य तय करें, डाक्टर, इंजीनियर बनें। समाज का अशीर्वाद और सहयोग मिलेगा तो प्रतिभाओं को हम निखार सकेंगे।

समाज को दिया राजनीतिक जागरूकता का संदेश

सांसद गहलोत ने राजनीतिक जागरूकता का संदेश देते हुए कहा कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से हम क्या लाभ ले सकते हैं, आने वाली पीढी को क्या लाभ दिलवा सकते हैं, इसके प्रति जागरूक रहना होगा। समाज को अपना राजनीतिक महत्व बढाना होगा। हारने वाले प्रत्याशी को लगना चाहिए कि माली समाज का साथ मिला होता तो जीत जाता। ठीक ऐसे ही जीतनेे वाले पर भी दबाव रहना चाहिए कि माली समाज की बदौलत जीत हासिल हुई है। माली समाज का साथ ना मिलता तो हार हो जाती। जब समाज एकजुटता के साथ ऐसी स्थिति बना लेगा तो समाज की हर जगह सुनवाई होगी। हक मिलेेगा।

विशिष्ट मुख्य अतिथि अतिरिक्त कलक्टर परसाराम टांक, आयकर अधिकारी मधु सैनी, फूले ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सैनी, समाजसेवी विजय कुमार सैनी, अखिल भारतीय माली सैनी सेवा सदन संस्थान पुष्कर के अध्यक्ष ओमप्रकाश सांखला, क्रय विक्रय सहकारी समिति के अध्यक्ष रूपचंद मारोठिया, लक्ष्मी इंजीनियरिंग वर्क्स के एडी पूनमचंद सांखला, इत्यास मसाला के एमडी कृपाराम गहलोत, आम चौरसी बांदनवाडा के अध्यक्ष मंगलप्रसाद माली, करकेडी सरपंच राजेन्द्र अजमेरा, सेवानिवृत शिक्षाविद योगेश्वरी गढवाल ने जिले भर से आए प्रतिभावान प्रतिभावान, मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त समाजसेवी गोपीकिशन जादम ने अपनी ओर से गार्गी पुरस्कार प्राप्त आठ छात्राओं को 1100—1100 सौ रुपए प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान किए।

कार्यक्रम के अध्यक्ष भामाशाह त्रिलोचंद इंदौरा ने प्रतिभावान, मेधावी विद्यार्थियों को अशीर्वाद देते हुए कहा कि बच्चों की सफलता में उनके अभिभावकों का श्रम व साधना भी जुडी होती है। बच्चों की सफलता परिवार, समाज के लिए तो मंगलकारी होती ही है साथ ही हप्रदेश व देश को भी मजबूती मिलती है। उन्होंने हाल ही में देश के चंद्रयान मिशन के सफलतापूर्वक संचालन के लिए वैज्ञानिकों का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रारंभिक असफलता इसरों के वैज्ञानिकों का हौसला नहीं डिगा पाई। वैज्ञानिक डटे रहे और आज चांद पर भारत का डंका बज रहा है। उन्होंने प्रतिभावान, मेधावी विद्यार्थियों के लिए आयोजन कर रही संस्था को अपनी तरफ से 31000 हजार रुपए की सहयोग राशि भी प्रदान की।

कार्यक्रम के आरंभ से पूर्व आगंतुक अतिथियों ने ज्योतिबा फुले व सावित्रीबाई फुले के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलन किया। गणेशवंदना के बीच समृद्धि चौहान ने नृत्य के जरिए भागवत गीता के सार की भक्तिमय प्रस्तुति दी। संस्था की ओर से आगंतुक अतिथियों का राजस्थानी परंपरानुसार साफा व माला पहनाकर मान सम्मान किया गया।