सन्तोष खाचरियावास @ अजमेर
अजमेर के अखबारों में आज पुष्कर के दो समाचार छाए हुए हैं। पहला, पुष्कर पुलिस की दस्तारबंदी। गत दिनों कानस के वीराने में एक बच्ची से दरिंदगी के बाद निर्ममता से उसकी हत्या कर दी गई। इस वारदात ने कानस-होकरा के ग्रामीणों को ही नहीं, बल्कि जिले के हर संवेदनशील इंसान को अंदर तक झकझोर दिया। परिवार ने फूल सी लाडो की कुचली-मसली लाश ढोयी।
दरिंदे को तुरंत गिरफ्तार करने के साथ ही पुष्कर पुलिस ने रिकॉर्ड समय में कोर्ट में चालान पेश कर वाकई मुस्तैदी दिखाई। लिहाजा पुलिस का सम्मान तो बनता है। हंसते हुए चेहरे, …गले में मालाएं। सम्मान का दौर जारी है। अब थाने में सोशल डिस्टेंस, मास्क वगैरह कौनसा मायने रखता है !
दूसरा समाचार, पवित्र पुष्कर सरोवर के घाट पर होटल में जयपुर के युवक-युवतियों की पार्टी…फिर अगले दिन गेस्ट हाउस में नशा.. साथी युवती के कपड़े उतारकर वीडियो क्लिपिंग बनाने और रेप की कोशिश जैसी सनसनीखेज वारदात। इसकी एफआईआर जयपुर से यहां पहुंची है।
पुष्कर में पहले भी ऐसी वारदातें होती रही हैं…अब यह मत पूछना कि धार्मिक तीर्थ नगरी पुष्कर में ड्रिंक…पार्टी…नशा…कहां.. .कैसे…क्यों…???