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माकपा कार्यालय पर पुलिस तांडव, दर्जनों छात्र हिरासत में

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सीकर। छात्र संगठनों के प्रदर्शन का खामियाजा सोमवार को पुलिस तांडव के रूप में शहरवासियों एवं प्रदर्शनकारी छात्रों को भुगतना पड़ा।

माक्र्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी के अग्रिम छात्र संगठन स्टूडेन्ट्स फेडरेशन आफ इण्डिया ने स्नात्तक व स्नात्तकोत्तर परीक्षाओं की फीस में बेहताशा वृद्धि के विरोध में राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। साथ ही श्रीकल्याण कालेज के सामने रविवार रात एस.एफ.आई. के छात्र नेता सुभाष जाखड़ पर हुए जानलेवा हमले के नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पं.दीनदयाल उपाध्याय विश्वविधालय से कलक्ट्रेट तक रैली निकाली गई। एस.एफ.आई. के बैनरतले नारेबाजी करते छात्र कलेक्ट्रेट के निकट पहुंचे तो वहां तैनात पुलिस अधिकारियों व छात्र नेताओं में तनाव की स्थिति बन गई। देखते ही देखते पुलिस ने लाठियां भांजनी आरंभ कर दी। लाठचार्ज की चपेट में आम राहगीर भी नहीं बचे। सड़क पर जो नजर आया, उसे पुलिस ने पीट दिया।

एक बारगी तनाव की स्थिति के चलते शहर के व्यस्ततम डाक बंगले से कल्याण सर्किल तक के मार्ग पर कफ्र्यू की स्थिति हो गई। यातायात बंद हो गया तथा दुकानदारों ने शटर गिरा दिए। कुछ मिनट की शांति के बाद तो भारी व हल्के वाहनों के साथ अर्धसैनिक बल व पुलिस लाइन के पुलिस जत्थे ने आकर कलेक्ट्रेट के सामने स्थित माकपा के कार्यालय किशन सिंह ढाका मेमोरियल भवन व जाट बोर्डिंग हाउस सहित आस पास के भवनों पर धावा बोल दिया। वहां से पकड़ पकड़ कर छात्रों व युवकों को पुलिस वाहनों में ठूंस कर ले गए। विरोध करने वालों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं। पुलिस अधिकारियों की निर्ममता से आहत पूर्व विधायक पेमाराम भी माकपा कार्यालय से छिपते छिपाते सुरक्षित स्थान की ओर गए।
पुलिस की बर्बरता थमने के बाद यहां -वहां छिपे माकपा नेता बाहर निकले और एकत्र होकर जिला कलक्टर एल.एन.सोनी को ज्ञापन देने पहुंचे। ज्ञापन में पुलिस कार्रवाई की घोर निन्दा करते हुए दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने तथा छात्र नेताओं के हमलावरों को गिरफ्तार करने की मांग की गई।