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भीषण गर्मी में नन्हे बच्चे कैसे देंगे बोर्ड परीक्षा ???

जयपुर। गहलोत सरकार के शिक्षा विभाग की सोच को ‘लू’ लग गई है। विभाग के एक बचकाना निर्णय ने लाखों नन्हे बच्चों को मुसीबत में डाल दिया है। बदन झुलसाती गर्मी और लू के थपेड़ों के बीच राज्यभर में बच्चों को 8वीं बोर्ड की परीक्षा देनी होगी। गहलोत सरकार के इस निर्णय का चहुओर विरोध भी हो रहा है, लेकिन सरकार सुनवाई नहीं कर रही है।
जिला स्तरीय डाईट के माध्यम से राज्यभर में 16 अप्रेल से 8 वीं बोर्ड की परीक्षा शुरू होने जा रही है। इसका समय दोपहर 2 बजे से अपराह्न 4.30 बजे तक तय किया गया है।
शिक्षा मंत्री और अफसरों ने अपने एयर कंडीशनर चैम्बर में बैठकर यह समय तय किया है। जबकि वे यह भूल गए कि इन दिनों राजस्थान जबरदस्त लू की चपेट में है। अभिभावक दोपहर में अपना काम-धंधा छोड़कर बच्चों को लेकर परीक्षा केंद्र तक कैसे जाएंगे। भीषण गर्मी में बच्चे 2 से 4 किलोमीटर दूर स्थित परीक्षा केंद्र तक कैसे पहुंचेंगे।
शहर में तो भले ही उनकी पहुंच आसान हो सकती है लेकिन ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में आसपास के गांवों से बच्चे परीक्षा देने कैसे पहुंच पाएंगे, यह अफसरों ने बिलकुल नहीं सोचा है।
गांवों के कई स्कूलों में बिजली-पंखे की व्यवस्था तक नहीं है। झुलसती गर्मी में ढाई घण्टे तक परीक्षा में बैठना भी उनके लिए चुनौती साबित होगा। टीचर-अभिभावक और बच्चे सरकार के इस बचकाने फैसले पर हैरान और आक्रोशित हैं। कई शिक्षक संघ और अभिभावक सरकार से बच्चों की परीक्षा सुबह की पारी में लेने का अनुरोध कर रहे हैं, मगर सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया है।

कोर्ट-अस्पताल सबका समय बदला

प्रदेश में भीषण गर्मी के कारण हर साल अस्पतालों और कोर्ट का समय बदला जाता है, ताकि सुबह ठंडे माहौल में कामकाज निपटाया जा सके। मरीजों-फरियादियों को तेज धूप और लू में कोई दिक्कत नहीं हो, इसके उलट शिक्षा विभाग ने दोपहर की पारी में परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लेकर अपनी अल्प बुद्धि का ही परिचय दिया है।