अलवर। विश्व प्रसिद्ध सरिस्का बाघ अभ्यारण्य एक बार फिर अधिकारियों की लापरवाही की वजह से ट्रेंकुलाइज के दौरान ओवरडोज के कारण बाघ एसटी 16 की मौत हो गई।
सूत्रों ने आज बताया कि बाघ की मौत के बाद सरिस्का प्रसासन के अधिकारियों के द्वारा मामले को दबाने के प्रयास किए जा रहे हैं और बाघ की मौत लू की वजह से मौत बताने में जुटे हुए हैं।
कलेक्टर ने बाघ की मौत गर्मी से होने के सरिस्का प्रसासन के दावे को नकार दिया और विशेषज्ञों के दल से कल पोस्टमार्टम करवाने के निर्देश दिए हैं। दल में एनटीसीए, बरेली, बीकानेर और वाइल्ड लाइफ वार्डन सहित पांच सदस्यीय दल को पोस्टमार्टम के लिए बुलाया है। कल सुबह बाघ का पोस्टमार्टम किया जाएगा। फिलहाल बाघ के शव को डिफ्रिज में रखवाने के निर्देश दिए है।
उन्होंने कहा कि शराब पीकर बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की शिकायत आई है जिसकी भी जांच करवाई जाएगी। पोस्टमार्टम के दौरान एडीएम और एसडीएम भी मौजूद रहेंगे। जिससे किसी तरह से मामले को दबाया नहीं जा सके।
सरिस्का में पिछले डेढ़ साल में चार बाघों और तीन शावकों की मौत हो चुकी है। बाघ एसटी 16 को 15 अप्रैल को सरिस्का में स्थानांतरित किया गया था।
उधर, सूत्रों ने बताया कि बाघ और शावकों की मौत के लिए सरिस्का प्रशासन जिम्मेदार है। इसके बावजूद दोषी अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। सरिस्का में सात बाघों की मौत के वावजूद वन विभाग के अधिकारी कारगर कदम नहीं उठा रहे हैं।
सरिस्का में आज जिस एसटी 16 बाघ की मौत हुई है उसे दो महीने पहले रणथम्भोर से स्थानांतरित किया गया था। उसे एक फोड़ा होने के कारण सुबह रोटकेला के जंगल मे ट्रेंकुलाइज किया गया जहां ओवरडोज होने के कारण उसकी मौत हो गई।
इससे पहले सरिस्का में बाघ एसटी चार की भूख से मौत हो चुकी है, जबकि बाघ एसटी 11 और बाघिन एसटी पांच का शिकार किया गया था। सरिस्का में ही तीन शावकों की रहस्यमयी ढंग से मौत भी सरिस्का के अधिकारियों के निगरानी तंत्र पर सवाल खड़े कर रहे हैं।