जोधपुर। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संदीप मेहता ने संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को लेकर नागौर में दर्ज एफआईआर रदद् करने के आदेश दिए हैं। जज मेहता ने सोमवार रात जोधपुर के इनॉक्स मॉल में पद्मावत का विशेष शो देखने के बाद आज फैसला सुनाते हुए कहा कि फिल्म जन भावनाओं के विरुद्ध नहीं है।
वीरेंद्र सिंह व नागपाल सिंह नामक दो व्यक्तियों ने फिल्म में इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने व रानी पद्मावती की छवि को नुकसान पहुंचाने को आरोप लगाते हुए डीडवाना थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। एफआईआर रदद् करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल होने पर जज मेहता ने कहा, अदालत का यह पुख्ता विचार है कि न्याय करने के लिए फिल्म देखना आवश्यक है।
याचिकाकर्ता ने अदालत के लिए फिल्म प्रदर्शित करने पर अपनी सहमति दी और न्यायमूर्ति मेहता ने सोमवार को इसकी स्क्रीनिंग का आदेश दिया। यह फिल्म कड़ी सुरक्षा के बीच रात आठ बजे जोधपुर के इनॉक्स मॉल में प्रदर्शित की गई।
सिनेमाघर मालिकों को फिल्म का केवल एक शो दिखाने के लिए एक विशेष पासवर्ड दिया गया। इस दौरान सिनेमाघर में और उसके आसपास सैकड़ों पुलिस कर्मी तैनात रहे।
मंगलवार को जज मेहता ने फैसला सुनाते हुए एफआईआर रदद् कर दी। मालूम हो कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट भी फिल्म को क्लीन चिट दे चुका है।
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