अजमेर. बैंक में नकली सोना गिरवी रखकर 3 करोड़ से अधिक रकम का लोन लेने के मामले में नया मोड़ आ गया है. बालाजी मंदिर के सामने अजय नगर निवासी किशोर राजवानी पुत्र राजूराम राजवानी ने बैंक ऑफ इंडिया में 6 लाख 44 हजार रुपए जमा कराकर अपना नकली सोना वापस हासिल कर लिया है। इस प्रकरण में बैंक प्रबंधन की लापरवाही फिर उजागर हुई है। मामला दर्ज होने के बाद नकली सोना पुलिस के लिए सबूत है लेकिन बैंक प्रबंधन ने यह सोना ग्राहक को लौटा दिया है। उधर, मामले की जांच रही रामगंज थाना पुलिस ने अभी एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है.
रामगंज थाना प्रभारी सतेंद्र नेगी ने बताया कि बैंक ऑफ इंडिया के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक मनोज कुमार आलिम चंदानी ने थाने में रिपोर्ट देकर बताया कि बैंक के 203 ग्राहकों की ओर से लोन के लिए रखवाए गए सोने की जांच बैंक की ओर से की गई थी. जिसमें सोना गिरवी रखकर बैंक से लोन लेने वाले 14 लोगों का सोना नकली और मिलावटी पाया गया. नेगी ने बताया कि बैंक प्रबंधक ने रिपोर्ट में बताया कि बैंक की विजिलेंस टीम की ओर से मामले की जांच की गई है.
बैंक के अप्रेजर महादेव ज्वेलर्स के घनश्याम मानसिंघानी से मिलीभगत कर 14 बैंक ग्राहकों ने नकली सोना गिरवी रखवा कर बैंक से 3 करोड़ से ज्यादा का लोन लिया. बैंक की ओर से जब बैंक में रखे गए सोने की औचक जांच की गई, तब अप्रेजर की पोल खुल गई. जांच में 14 बैंक ग्राहकों का सोना नकली पाया गया.
थाना प्रभारी सतेंद्र नेगी ने बताया कि बैंक प्रबंधक ने बैंक अप्रेजर सहित उन सभी 14 बैंक ग्राहकों के खिलाफ थाने में नामजद मुकदमा दर्ज करवाया है. आरोपियों में किशोर राजवानी भी शामिल है। उसने इस पचड़े से निकलने के लिए ब्याज सहित लोन राशि 6 लाख 44 हजार रुपए चुकाकर अपना नकली सोना अपने कब्जे में कर लिया है। जबकि यह सोना पुलिस जांच के बाद कोर्ट के आदेश पर ही सुपुर्द किया जाना चाहिए था।