नाथद्वारा में विश्वास स्वरुपम लोकार्पण समारोह 29 अक्टूबर से
नाथद्वारा। श्रीजी की नगरी में विश्व की सबसे ऊंची 369 फ़ीट की शिव प्रतिमा के लोकार्पण का ऐतिहासिक अवसर आ चुका है। शनिवार से यहां भक्ति सेवा की ऐसी बयार बहेगी कि बरसों तक इस अवसर को याद किया जाएगा।
- संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से श्रीजी की नगरी में 29 अक्टूबर से 6 नवम्बर 2022 तक आयोजित होने वाले ‘‘विश्वास स्वरूपम’’ लोकार्पण महोत्सव में मुरारी बापू की 9 दिवसीय रामकथा का आयोजन किया जाएगा। आयोजन को अभूतपूर्व बनाने के लिए संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से रामकथा के दौरान पूरे श्रीजी धाम को रोशनी से जगमग भी किया जा रहा है।
- महोत्सव में मुरारी बापू के श्रीमुख से नो दिवसीय रामकथा के रूप में भक्ति सरिता प्रवाहित होगी। राम कथा के प्रथम दिन 29 अक्टूबर को सायं 4 बजे से कथा का आयोजन होगा जबकि 30 अक्टूबर से 6 नवम्बर तक प्रतिदिन कथा का समय प्रातः 10 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक निर्धारित किया गया है। मोरारी बापू की यह 906वी रामकथा होगी। मोरारी बापू की हर कथा का हर शब्द में एक संदेश निहित होता है, जो आमजन को सत्मार्ग की ओर प्रेरित और प्रशस्त करता है।
विशाल पांडाल बनाए
- रामकथा को लेकर गणेश टेकरी पर डेढ़ लाख स्क्वायर फ़ीट विशाल पाण्डाल का निर्माण किया जा रहा है। पाण्डाल में पर्याप्त छाया पानी की व्यवस्था की जा रही है। कथा स्थल पर दिन रात तैयारियां जोर शोर से चल रही है. लोकार्पण महोत्सव का 160 देशों में लाईव प्रसारण भी आस्था चैनल के माध्यम से प्रतिदिन किया जाएगा।
- विश्वास स्वरूपम् के लोकार्पण एवं रामकथा महोत्सव के दौरान आने वाले श्रोताओं के लिए आयोजकों की ओर से कोई कसर नही छोड़ी जा रही है। इस कथा को लेकर संत कृपा सनातन संस्थान की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रतिदिन 1 लाख लोगों के भोजन की व्यवस्था प्रभु प्रसाद में की जायेगी, जिसके लिए करीब दो लाख स्क्वायर फिट में भोजनशाला का पंडाल लगाया गया है। प्रतिदिन यहां 1 लाख लोग भोजन प्रसाद लेंगे। सर्विस काउण्टर तक सामग्री पहुंचाने के लिये यहां ओवरहेड कनवेयर तकनीक का सहारा लिया जा रहा है, जो कि अपने आप में अद्भूत है।
- जर्मन तकनीक से यह पंडाल बनाये जा रहे हैं, जिसमें श्रोता कथा श्रवण ओर भोजन प्रसाद का आनंद उठाएंगे। विशाल पाण्डाल का निर्माण रामकथा स्थल के निकट ही किया जा रहा हैं। महोत्सव में आने वाले श्रोता अभी से ही अपने ठहरने के लिए शहर एवं आस पास के होटलों एवं रिसोर्ट की बुकिंग करवा चुके है।
व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित संचालित करने तथा श्रोताओं को महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए नगर में तथा कथा स्थल पर कार्यालय भी संचालित किये जाएंगे। पार्किंग की व्यवस्था के लिए नगर के कई खाली स्थानों को चिन्हित किया गया है, जहां पार्किंग स्थलों पर एक बार में 5 हजार से अधिक चौपहिया वाहन खड़े रह सकेंगे। नाथद्वारा नगर के आस पास के बाशिंदों के लिए 100 से अधिक बसों का संचालन किया जाएगा जिससे ग्रामवासियों को इस अभूतपूर्व आयोजन का हिस्सा बनने में सुलभता हो।
अदभुत प्रतिमा
विश्व की सबसे ऊंची शिव मूर्ति की अपनी एक अलग ही विशेषता है। 369 फीट ऊंची यह प्रतिमा विश्व की अकेली प्रतिमा होगी, जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया है। प्रतिमा के अंदर सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए चार लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनी हैं। प्रतिमा के निर्माण में 10 साल का समय और 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है।
प्रतिमा का निर्माण 250 साल की स्थिरता को ध्यानगत रखते हए किया गया है। 250 किमी रफ्तार से चलने वाली हवाएं भी मूर्ति को प्रभावित नहीं करेगी। इस प्रतिमा की डिजाइन का विंड टनल टेस्ट (ऊंचाई पर हवा) आस्ट्रेलिया में हुआ है। प्रतिमा स्थल पर पर्यटकों की सुविधाओं ओर मनोरंजन के लिये बंजी जम्पिंग का निर्माण किया गया है। यह ऋषिकेश के बाद दूसरी सबसे बड़ी बंजी जम्पिंग होगी, जिसका लुफ्त उठाने के लिए देश-विदेश के पर्यटक यहां आएंगे।
साथ ही फूड कोर्ट, गेम जोन, जिप लाइन, गो कार्टिंग, एडवेंचर पार्क और जंगल कैफे का निर्माण भी किया गया है। जहां पर्यटक दिन भर यहां इसका लुफ़्त उठा सकेंगे। शिव प्रतिमा पर विशेष रूप से लाइट एन्ड साउंड के थ्री डी प्रयोग के द्वारा शिव स्तुति का प्रसारण होगा। पर्यटकों के लिए यह बहुत की आकर्षण का केंद्र होगा। इसमें बरकों कम्पनी के प्रोजेक्टर का प्रयोग किया गया है।