भरतपुर। भरतपुर जिले के नदबई थाना क्षेत्र में एक दिव्यांग महिला से दुष्कर्म का प्रयास और उसके बच्चे की हत्या का मामला जांच के बाद झूठा पाया गया है।
राजस्थान के पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग ने बताया कि 27 मई को 28 वर्षीय दलित दिव्यांग महिला ने भरतपुर के पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट की कि 12 मई की रात्रि को गोगाजी ईंट उधोग नदबई के मालिक लक्ष्मण सिंह, बिज्जीराम, थानसिंह और एक पूर्व हवलदार शराब पीकर उसकी झुग्गी में घुस गए और उन्होंने दुष्कर्म का प्रयास किया।
आवाज सुनकर पास सो रहे आठ वर्षीय बच्चे के जागने पर थानसिंह और हवलदार ने गला दबाकर बच्चे की हत्या कर दी। घटना के बाद भटटे मालिक ने हम दोनों को धमकाया कि सबसे यही कहना है कि तेरा बेटा बीमारी से मर गया नहीं तो हम सब तेरे पूरे परिवार को जिन्दा जला डालेंगे। डर की वजह से हमने 13 मई की सुबह 4.30 बजे गांव मसारी पहुंचकर अपने बेटे का दाह संस्कार कर दिया।
उन्होंने बताया कि यह घटना अखबारों की सुर्खियां बनी। भरतपुर के पुलिस अध्यक्ष हैदर जैदी से जांच करवाई तो यह खबर पूरी तरह निराधार पाई गई। गर्ग ने बताया कि जांच में पाया गया कि झाेंपड़ियों में रह रहे अन्य मजदूरों ने बयान दिया कि उक्त महिला के आठ वर्षीय पुत्र सनी को 12 मई को हैजा हो गया था। उसका पति शराब पीने का आदी है।
उसने भट्टा मालिक से बच्चे के इलाज के लिए पैसे लिए, लेकिन उसने बच्चे का पूरा इलाज नहीं करवाया और प्राथमिक उपचार करवाकर उसने शराब के लिए पैसे बचाकर रख लिए। बच्चे की उसी रात मौत हो गई।
महिला के पैतृक गांव मसारी थाना कठूमर, जिला अलवर के उसके निकट परिवारजनों ने बताया कि दोनों 12 मई को रात को सनी का शव लेकर पहुंचे जिसका दाह संस्कार 13 मई को गांव में किया गया और उन्होंने अपने पुत्र की हैजा उल्टी दस्त होने से मृत्यु होना बताया।
जांचकर्ता जैदी ने बताया कि अब तक के अनुसंधान से परिवादीया के साथ आरोपियों द्वारा दुष्कर्म का प्रयास करने एवं उसके बालक सनी की गला दबाकर हत्या किए जाने सम्बन्धी तथ्यों की प्रथम दृष्टया पुष्टि नही हुई है। मामले की आगे जांच की जा रही है।