पर सात साल की सजा और 50 लाख का जुर्माना
मई 17, 2018

कोटा। राजस्थान में कोटा की भ्रष्टाचार निराेधक अदालत ने आज ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुये पद का दुरूपयोग कर अधिक सम्पति अर्जित करने के मामले में एमबीएस अस्पताल के तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी सहित सात आरोपियो को सजा सुनाई है। अदालत ने सजा के साथ कुल एक करोड 25 लाख का जुर्माना भी लगाया है।
सहायक निदेशक अभियोजन एहसान अहमद ने बताया कि साल 2003 में जयपुर से आई एसीबी की टीम ने तत्कालीन चिकित्सा अधिकारी डॉ आर पी शर्मा के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति की जांच की थी। जांच में यह पता चला था कि वर्ष 1982 से 1998 तक डॉक्टर आर. पी. शर्मा ने पद का दुरूपयोग करते हुये केशवपुरा रोड़ पर टीटी हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के नाम से एक कम्पनी बनाकर एक निजी अस्पताल चला रहा है।
आरोपी डा. शर्मा ने इसमें अपनी पत्नी मोहिनी शर्मा, ससुर तेजकरण शर्मा, सास चंद्रकांता शर्मा और गीतांजलि शर्मा, किशन गोपाल, असलम पठान को आय से अधिक सम्पत्ति अर्जन के गौरख धंधे में शामिल कर रखा था।
ब्यूरो ने जांच में पाया कि इन लोगों ने 55 लाख 42 हजार 429 रूपये की सम्पत्ति अर्जित की जिसमें से 33 लाख रूपये से ज्यादा की आय अवैध रूप से अर्जित पाई गई। इस मामले में एसीबी ने जांच के बाद अदालत में चालान पेश किया था जिसकी सुनवाई के बाद एसीबी अदालत ने आज बडा फैसला सुनाते हुये मुख्य आरोपी डॉक्टर आर.पी. शर्मा और उनकी पत्नी मोहिनी शर्मा को 7 साल की सजा व 50-50 लाख का जुर्माना, डॉ आर.पी. शर्मा के ससुर तेजकरण शर्मा व सास चंद्रकांत शर्मा को 3-3 साल व 5-5 लाख का जुर्माना और तीन अन्य आरोपियों को 5-5 साल की सजा और 5-5 लाख के जुर्माने से दंडित किया। साथ ही अदालत ने केशवपुरा रोड़ स्थित टी.टी. हॉस्पिटल को भी सरकारी कब्जे में लेने के आदेश जारी किये है।