अजमेर । राजस्थान में अजमेर नगर निगम के उपमहापौर संपत सांखला के खिलाफ शिक्षा की गलत जानकारी देने के मामले में दायर एक इस्तगासा की सुनवाई के बाद आज कार्यवाहक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजेश मीणा ने सिविल लाइंस थाना पुलिस को जांच के आदेश दिए।
इस्तगासा दायर करने वाले पट्टी कटला निवासी सत्यनारायण गर्ग ने एडवोकेट विवेक पाराशर के जरिए याचिका में कहा कि सांखला ने जब वर्ष 2010 में पार्षद का चुनाव लड़ा था तब स्वयं को दसवीं कक्षा उत्तीर्ण बताया था। इसके समर्थन में उन्होंने एक शपथ पत्र भी दिया था। लेकिन वर्ष 2015 में सांखला ने जब पार्षद का चुनाव लड़ा तो राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान से दसवीं के समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण करने का प्रमाण पत्र लगाया।
उन्होंने याचिका में कहा कि वर्ष 2010 में दसवीं कक्षा उत्तीर्ण नहीं होने के बाद भी सांखला ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया जो कि एक आपराधिक कृत्य की श्रेणी में है। याचिका में दोनों चुनाव के दौरान पेश दस्तावेजों की जांच की प्रार्थना की गई है।
शपथ पत्र की इस उलझन से संपत सांखला के उपमहापौर के पद पर संकट के बादल नजर आ रहे है और उनकी कुर्सी खतरे में जाती लग रही है। गौरतलब है कि शहर की राजनीति में संपत सांखला महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल के खेमे से जाने जाते है।