राजस्थान भाजपा में बगावत के स्वर मुखर
जयपुर। राजस्थान भाजपा में बगावत के स्वर गुरूवार को मुखर हो गए। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से दूरियों के कारण पार्टी में हाशिए पर कर दिए गए विधायक एवं पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी पहली बार खुल कर सामने आए। जयपुर के बिडला सभागार में खुद की खडी की गई संस्था दीनदयाल स्मृति संस्थान की ओर से गुरूवार को आयोजित सम्मेलन में तिवाड़ी ने संकेत दिए कि वे अब खुद अपनी लडाई लडेंगे। उन्होंने कहा कि अब हम संघर्ष के रास्ते पर चल पडे हैं और अब हम न रूकेंगे,न डरेंगे और न झुकेंगे तथा विजय प्राप्त करेंगे।
इस कार्यक्रम को तिवाडी के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा था और तिवाड़ी इस में बहुत हद तक सफल रहे। सम्मेलन में प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों से उम्मीद से ज्यादा लोग पहुंचे। हालांकि पार्टी के अंसतुष्टों के रूप में बहुत बडे चेहरे कार्यक्रम में नहीं आए लेकिन करीब सात पूर्व विधायक, दो.तीन पूर्व जिला अध्यक्ष और संगठन में विभिन्न स्तरों पर पदाधिकारी रह चुके कुछ कार्यकर्ता सम्मेलन में दिखे। सम्मेलन में तिवाडी को राजस्थान के स्वाभिमान के प्रतीक के रूप में प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया और तिवाडी ने भी दीनदयाल वाहिनी के रूप में कार्यकर्ताओं की अलग टीम खडी करने की बात कही और बोले वे राज्य के हर जिले में चंद्रगुप्त तैयार करेंगे।
नाम लिए बगैर किए प्रहार
उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि वे न खुद पर दाग लगने देंगे और न पार्टी में दागियों को रहने देंगे। उन्होंने पार्टी से सूदखोरों,चोरों और भूमिखोरों को बहिष्कृत कर कार्यकर्ता को परिष्कृत करने की बात कही और कहा कि जो लोग राजस्थान का नेता होने का दावा करते हैं उन्हें राजस्थान के सारे क्षेत्रों के नाम तक पता नहीं है। जो लोग यहां की नदियों के नाम भी नहीं जानते ऐसे लोगों को यहां नदियां जोडने के लिए बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान कभी चारागाह या सैरगाह नहीं रहा है और न इसे ऐसा बनने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले कार्यकर्ता का नेता से सीधे सम्पर्क रहता था और आज नेता सात तालों में बंद रहते हैं। वे न किसी व्यक्ति के खिलाफ है और न पार्टी के खिलाफ है। वे सिर्फ विचारधारा के साथ हैं। उन्होंने कहा कि मैं न असंतुष्ट हूं और न ऐसे लोगों को इकट्ठा कर रहा हूं। मैं बस विचारधारा के लिए काम करने वालों को एकत्र कर रहा हूं। हम एक संस्कृति के वाहक है और इसे भ्रष्टाचारियों व दुराचारियों के हाथों में नहीं दे सकते।
आर्थिक आरक्षण को बनाएंगे मुद्दा
तिवाडी ने संकेत दिए कि उनके संगठन का मुख्य मुद्दा आर्थिक आधार पर आरक्षण रहेगा। उन्होने कहा कि देश में आरक्षण के जरिए सामाजिक और राजनीतिक न्याय तो लोगों तक पहुंच गया लेकिन आर्थिक न्याय नहीं हुआ। वे सामाजिक समरसता और राजस्थान की राजनीतिक संस्कृति को बनाए रखते हुए आर्थिक न्याय के लिए काम करेंगे। कार्यक्रम में संस्था के सचिव अखिलेष तिवाडी ने कहा कि दीनदयाल वाहिनी सरकार को दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांतों पर काम करने के लिए बाध्य करेगी क्योंकि न्याय, नीति और नेकी पर काम नहीं हो रहा है।