बांसवाड़ा। माता-पिता ने एक नवजात बच्ची की जान लेने के लिए उसे गोबर के ढेर में दबा दिया और चले गए। लेकिन होता वही है जो कुदरत को मंजूर होता है। नन्हीं सी जान अपने प्राण बचाने के लिए छटपटाई…और कामयाब हो गई।
गोबर के ढेर में हलचल देखकर वहां से गुजर रहे ग्रामीण ठिठक गए। उन्होंने उसे बाहर निकालकर तुरंत अस्पताल पहुंचाया। वक्त पर इलाज मिलने से उसकी जान बच गई।
यह हैरान करने वाला वाकया मां त्रिपुरा सुंदरी की धरती पर घटित हुआ। राजस्थान के आदिवासी बहुल बांसवाड़ा जिले के कलिंजरा कस्बे के हमीरपुर गांव में किसी ने बच्ची की जान लेने के लिए उसे गोबर के ढेर में दबा दिया।
कई घंटों तक दबे रहने के बावजूद वह नन्हीं जान इस दुनिया में न सिर्फ डटी रही बल्कि जीने के लिए संघर्ष भी करती रही।
इसी बीच फरिश्ते बनकर कुछ ग्रामीण वहां पहुंचे और उसे गोबर के ढेर से निकालकर अस्पताल पहुंंचाया। डॉक्टर खुद इस बच्ची की जीवटता से आश्चर्यचकित हैं।
डॉक्टरों के अनुसार बच्ची के शरीर पर चोट के कुछ निशान भी हैं। इनसे उसके शरीर में संक्रमण फैलने का खतरा पैदा हो गया है। मामला पुलिस तक पहुंचा तो पुलिस भी चौंक उठी। फिलहाल उन माता-पिता की तलाश की जा रही है जिन्होंने अपनी फूल सी बेटी के प्राण संकट में डाल दिए थे।
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