अजमेर। प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय वैल्य एजुकेशन ट्रेनिंग सेन्टर की ओर से आजाद पार्क में चल रहे आध्यात्मिक मेले के दूसरे दिन गुरुवार सुबह से ही दर्शनार्थियों का तांता लग गया। मेले में कुंभकरण मुख्य आकर्षण बना हुआ है।
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बीके अंकिता ने कहा कि कुंभकरण के विशालकाय पुतले के जरिए बुराईयों से निजात पाने का तरीका बताया जाता है। कलयुग खत्म हो रहा है और सतयुग आ रहा है। वर्तमान में इसका संधिकाल चल रहा है। अगर हम नहीं जागे तो यही रह जाएंगे। कुंभकरणी नींद से कैसे जगे इसका संदेश देने वाले नाटक का मंचन भी बरबस सबका ध्यान खींच रहा है।
कुंभकरण के लाइव शो के जरिए यह समझाने की कोशिश की गई है कि आज अज्ञात की निद्रा में मानव सो रहा है। भगवान की सबसे सुंदर रचना मनुष्य अशांति, मानसिक तनाव, अनिद्रा एवं व्यसन आदि बुराईयों से जूझ रहा है। ऐसे में ज्ञान का शंखनाद ही उसकी निद्रा को तोड सकता है।
इसी तरह स्वर्ग के दिव्य दर्शन भी मेला स्थल पर करने का आगंतुकों को मौका मिला है। मानव संसार में आने के बाद सांसारिक मोह माया में इतना उलझ जाता है कि जाने अंजाने कई बुरे काम कर बैठता है। उम्र के अंतिम पडाव पर उसे ईश्वर की याद आती है। वह पछताता है कि कोई उसे समय रहते सही मार्ग पर ले आता तो उसे स्वर्ग का आनंद नसीब होता। मानव को अच्छे काम करने को प्रेरित करने के लिए स्वर्ग की कल्पना को मेला स्थल पर साकार रूप दिया गया है।
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