सन्तोष खाचरियावास @ अजमेर
चुनावी घमासान के दौर में बीजेपी को कोसते-कोसते कांग्रेसी अब खुलकर मीडिया पर भी अपनी खीज उतारने लगे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी के एक समर्थक ने अपनी पोस्ट में मीडिया को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की तवायफ बता दिया। इससे बखेड़ा खड़ा हो गया है। इस टिप्पणी से तिलमिलाए मीडिया कर्मियों ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए उसकी खबरों का बायकाट करने का ऐलान कर दिया है।
अजमेर लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रामचन्द्र चौधरी के एक समर्थक ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मीडिया के खिलाफ अनर्गल पोस्ट डालकर खुद रामचन्द्र के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। उधर, निर्वाचन विभाग भी ममले को लेकर सक्रिय हो गया है।
दरअसल, टीम रामचन्द्र चौधरी नाम से बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप में रामचन्द्र के एक समर्थक ने पोस्ट डालते हुए मीडिया की निष्पक्षता पर सवाल उठा दिया। उसने पोस्ट में लिखा- रंगा बिल्ला की जोड़ी ने मीडिया के मुंह में नोटों का बीड़ा और पैरों में घुंघरू बांधकर उसे अपने इशारे पर नाचने वाली तवायफ बना दिया है।
यह पोस्ट वायरल होते ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मीडिया की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई। इन अनर्गल टिप्पणी से गुस्साए मीडिया कर्मी कांग्रेस के सोशल मीडिया ग्रुप से लेफ्ट होने लगे। इससे वरिष्ठ कांग्रेसियों में हड़कम्प मच गया। मीडिया कर्मियों ने कांग्रेसियों को ऐसी टिप्पणी करने से पहले अपने नेताओं से पूछ लेने की सलाह देते हुए कांग्रेस की चुनावी प्रचार की खबरों का बायकाट करने की घोषणा कर दी।
मीडिया कर्मियों का कहना रहा कि वे लगातार बीजेपी और कांग्रेस की खबरों को समान रूप से तवज्जो देते रहे हैं। मीडिया किसी भी पक्ष का पैरोकार नहीं होता। यह लोकतंत्र का चौथा खम्भा है जो सभी दलों को समान रूप से कवरेज देता है। इसके बावजूद मीडिया पर इस तरह की अमर्यादित टिप्पणी करने वालों की समझ पर तरस आता है। ऐसे कांग्रेसियों को अपने नेताओं से पूछकर ही पोस्ट डालनी चाहिए।
मीडिया के बूते अपना चुनाव प्रचार कर रहे रामचन्द्र अब अपने ही समर्थक के कारण ही परेशानी में पड़ गए हैं। भाजपा की मजबूत स्थिति की खीज मीडिया पर उतारना समझदारी कतई नहीं है। एक तरफ कांग्रेस प्रत्याशी मीडिया कर्मियों की मान मनुहार कर रहे तो दूसरी तरफ उनके समर्थक मीडिया को मोदी की तवायफ बताकर उसके आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाने से बाज नहीं आ रहे हैं।
मीडिया के खिलाफ अनर्गल पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल होते ही कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को अपने कार्यकर्ता की गलती का अहसास हो गया और वे डैमेज कंट्रोल में भी जुट गए हैं।
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