चित्तौडग़ढ़,। बालकों को नशे का आदी बनाकर उनका शोषण करने वाला कथित किन्नर मेडिकल जांच में पुरूष निकला। मामले की तस्दीक करने वाले सदर थाना प्रभारी ने कहा कि कथित किन्नर पर बाल सरंक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी। सोमवार को सदर थाना पुलिस ने प्रतापनगर क्षेत्र में निवासरत नजमा उर्फ गफ्फार को बालकों को नशे का आदी बनाकर उनका शोषण करने के मामले में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किन्नर को पोंटेसी टेस्ट करवाने के लिए उसे श्री सांवलिया चिकित्सालय ले जाया गया, जहां पर सुविधा नहीं होने से उसे उदयपुर के एम.बी. मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां मेडिकल बोर्ड ने उसका परीक्षण कर उसे पुरूष घोषित कर दिया। सदर थानाप्रभारी दिनेश सुखवाल ने इस मामले में कहा कि अब कथित किन्नर बने पुरूष पर बाल सरंक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी। कथित किन्नर के कब्जे से छुड़ाए गए चारों बालक बाल कल्याण समिति के पास है।
पहले ही हो चुका है मेडिकल टेस्ट
बालकों को नशे का आदी बनाकर शोषण करने वाले नजमा उर्फ गफ्फार उर्फ कौशल्या पर सन् 2003 में ऐसा ही मामला दर्ज हुआ था, तब भी पुलिस ने बाल सरंक्षण अधिनियम के तहत धारा 270 के तहत मामला दर्ज कर किन्नर का मेडिकल टेस्ट करवाया था, जिसमें भी कथित किन्नर का पुरूष होना साबित हुआ था, लेकिन जमानत होने के बाद इसने अपने पुराने कृत्यों का नए सिरे से अंजाम देते हुए बच्चों को नशे का आदी बनाकर शोषण करना प्रारंभ कर दिया था, जिसे शिकायत मिलने पर गिरफ्तार कर उसके कब्जे से चार बच्चों को छुड़ाया गया।