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कड़ी आलोचना के बीच राजे पहुंचीं छाबड़ा के घर, परिजन को बंधाया ढाढस


जयपुर/अजमेर। प्रदेश में शराबबंदी की मांग लेकर 33 दिन तक अनशन करके प्राण त्यागने वाले पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा की मौत पर राज्यभर में व्यापक प्रतिक्रिया हो रही है। सरकार की असंवेदनशीलता के खिलाफ पीयूसीएल समेत दर्जनों संगठनों ने शुक्रवार को अजमेर सहित प्रदेशभर में धरने प्रदर्शन किए। कांगे्रस भी इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को जमकर आड़े हाथ ले रही है।

हर तरफ हो रही निंदा-विरोध के बीच शुक्रवार को आखिरकार मुख्यमंत्री राजे पूर्व विधायक स्व. छाबड़ा के सोढ़ाला गोविन्दपुरी स्थित निवास पर पहुंचीं और उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने छाबड़ा के शोक संतप्त परिजन को ढाढस बंधाया। मुख्यमंत्री के साथ भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी भी थे।

अजमेर कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन

छाबड़ा के आंदोलन को जारी रखने के उद्देश्य से पीयूसीएल, लोक संघर्ष मोर्चा, एसडब्ल्यूआरसी तिलोनिया, महिला जन अधिकार समिति, माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, बहुजन समाजवादी पार्टी, एपवा आदि संगठनों ने शुक्रवार को अजमेर कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया।

इन संगठनों का कहना है कि पूर्व विधायक छाबड़ा एक अच्छे उद्देश्य के लिए अनशन कर रहे थे। अगर राज्य सरकार समय रहते उन्हें सकारात्मक आश्वासन देती तो उनकी जान बच सकती थी। इसकी बजाय सरकार ने शराब से मिलने वाले राजस्व को तवज्जो दी। आमजन को शराब से होने वाले नुकसान को लेकर सरकार बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। स्वर्गीय छाबड़ा का यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा।