जोधपुर। नाबालिग शिष्या से रेप के मामले में जोधपुर की विशेष अदालत ने बुधवार आसाराम बापू समेत तीन लोगों को दोषी करार दिया है। आसाराम को जज मधुसूदन शर्मा ने गुनहगार माना। उसे सजा आजीवन कारावास सुनाया है।
आसाराम के दो अन्य सहयोगियों प्रकाश और शिवा को अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।
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कोर्ट ने जब पहले आसाराम को यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया तो आसाराम उर्फ आसूमल कठघरे में सिर पकड़कर बैठ गया। उसकी आंखों से आंसू टपक पड़े।
दोषी ठहराए गए शरतचंद्र और शिल्पी जमानत पर जेल से बाहर थे। उन्हें अरेस्ट कर लिया गया है। इसके अलावा बरी किए गए शिवा को भी बेल मिल गई थी। लेकिन प्रकाश ने आसाराम की जेल में सेवा करने के मकसद से बेल ही नहीं ली थी। आसाराम पर एससी-एसटी ऐक्ट और पॉक्सो ऐक्ट समेत 14 धाराओं में केस चल रहा था।
उधर, आसाराम के चेलों में जबरदस्त निराशा का माहौल है। पूरे जोधपुर को किले में तब्दील किया गया है।
विगत वर्ष हरियाणा के पंचकुला में सन्त राम रहीम को सजा सुनाए जाने के बाद उसके समर्थक हिंसक हो उठे थे। ऐसी स्थिति को टालने के लिए जोधपुर में आसाराम को जेल में ही अस्थायी कोर्ट बनाकर सजा सुनाई गई है और पुलिस के कड़े बन्दोबस्त किए गए हैं। बाहर से आने वाले उसके समर्थकों को जोधपुर में एंट्री ही नहीं दी गई है।
फिलहाल उसके समर्थक शांत हैं। आसाराम के आश्रम के कंट्रोल रूम से भक्तों को मैसेज किया गया कि आसाराम पर से पोस्को की धारा हटा दी गई है। सभी भक्त शांत रहकर जप करें।