सर्द रात में भी धरने पर बैठे
अजमेर। शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत अध्ययनरत 23 बच्चों को अजमेर की ऑल सेंट स्कूल ने विद्यालय से निकाल दिया। शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी के गृह शहर अजमेर में राज्य सरकार ने बच्चों की फीस अब तक जमा नहीं कराई। विद्यार्थियों के अगले दो माह में परीक्षा शुरू होने वाली है। ऐसे में विद्यार्थी और अभिभावक परेशान है कि आखिर वे अब कहां जाएं। वे जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने सर्द रात में भी धरने पर बैठे हैं। इस मामले में उनकी ना तो जनप्रतिनिधि सुन रहे हैं ना ही स्कूल प्रशासन। शिक्षा विभाग भी चुप्पी साधे बैठ गया है। विद्यार्थियों और अभिभावकों ने अब अपनी ओर प्रशासन व शिक्षा विभाग का ध्यान खींचने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया है। अजमेर शहर जिला कांग्रेस सेवादल के जिला मुख्य संगठक शैलेन्द्र अग्रवाल ने इस मामले में राज्यपाल के नाम ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी हीरालाल मीणा को देकर हस्तक्षेप कर बच्चो का भविष्य ना बिगडऩे देने का आग्रह किया है।
ऑल सेन्ट उच्च माध्यमिक विद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2012-13 में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत 23 बच्चों को प्रवेश दिया था। इन विद्यार्थियों की फीस नियमानुसार शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल को जमा करानी थी परन्तु शिक्षा विभाग द्वारा इन छात्रों की फीस जमा नहीं कराए जाने के कारण इन विद्यार्थियों को गत 11 जनवरी 2016 को स्कूल प्रशासन ने मौखिक आदेश जारी कर स्कूल से निकाल दिया तथा इनके अभिभावकों से कहा कि शिक्षा विभाग ने इन विद्यार्थियों की फीस जमा नहीं कराई है। अत: या तो अभिभावक प्रत्येक विद्यार्थी लगभग 86000 रुपए जमा कराए अन्यथा वह इस स्कूल में अपने बच्चों को आगे नहीं पढ़ा सकते हैं। पूरे वर्ष इन विद्यार्थियों ने इस विद्यालय में पढ़ाई की है और 2 महीने बाद ही उनकी वार्षिक परीक्षा भी है।