जयपुर। न्यायालय ने दौसा जिले के समलेटी बमकांड के मास्टर माइंड जेकेआईएफ संगठन के खूंखार आतंकी अब्दुल हमीद की फांसी की सजा को बरकरार रखा है। गुरुवार को हमीद को बांदीकुई के अपर जिला एवं सेशन न्यायालय में कड़ी सुरक्षा के बीच पेश किया गया। एडीजे अल्का बंसल ने एक घंटे की सुनवाई के बाद आरोपी की फांसी की सजा बरकरार रखने के आदेश दिए। पेशी के बाद हमीद को वापस जेल भेज दिया गया।
इससे पहले 29 सितंबर 2014 को एडीजे कोर्ट बांदीकुई ने ही आतंकी डॉ. अब्दुल हमीद को फांसी की सजा सुनाई थी। आतंकी के वकील ने एडीजे कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। इसमें कहा गया था कि उसे सजा के बिन्दु पर सुनवाई का पूरा मौका नहीं दिया गया। इस पर हाईकोर्ट के निर्देश पर एडीजे बांदीकुई ने सजा के बिन्दु पर आतंकी अब्दुल हमीद को फिर से सुनवाई का मौका दिया था। कोर्ट ने 30 सितंबर को बहस सुनने के बाद फैसले के लिए 17 दिसंबर की तारीख तय की थी।
क्या है समलेटी बम काण्ड
आतंकी संगठन से जेकेआईएफ जुड़े सरगना अब्दुल हमीद ने आपने सहयोगियों के साथ मिलकर 22 मई 1996 को जयपुर के सिंधी कैम्प बस स्टैंड को बम से उड़ांने की साजिश रची थी। इसके लिए आगरा से बीकानेर जा रही राजस्थान रोडवेज की एक बस मे बम लगा दिया था, लेकिन रास्ते मे बस खराब होने के कारण बस निर्धारित समय पर जयपुर नहीं पहुंच पाई और महुवा कस्बे के पास एनएच 11 पर समलेटी गांव के पास ही विस्फोट हो गया था। विस्फोट मे 14 निर्दोष यात्रियों की मौत हो गई थी और करीब 37 लोग घायल हुए थे।
इस मामले में सीआईडी सीबी ने जेकेआईएफ आतंकी संगठन से जुड़े 10 आतंकवादियों सहित कुल 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश की थी। एडीजे कोर्ट बांदीकुई ने 18 साल बाद हमले के मास्टर माइंड आतंकी डॉ. अब्दुल हमीद निवासी रसूलपुर- फिरोजाबाद को फांसी की सजा सुनाई थी और श्रीनगर निवासी जावेद खान उर्फ जावेद जूनियर, लतीफ अहमद वाजा उर्फ निसार, जम्मू निवासी असादुल्लाह उर्फ अब्दुल गनी, आगरा निवासी मोहम्मद अली भट्ट उर्फ महमूद किले, मिर्जा निसार हुसैन और रहीश बेग समेत छह लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।