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आखिरकार दगाबाज़ दुल्हन सलाखों के पीछे


जोधपुर। शादी के दो महीने बाद ही दुल्हन जेवरात और सपने लेकर फरार हो जाए और पता चले कि सब कुछ फर्जी था। महज पैसों के लिए ही शादी रची गई थी। यानी फर्जी रिश्ता, फर्जी शादी, फर्जी दुल्हन….। शादी जैसे पवित्र रिश्ते को भी दागदार करने से लोग नहीं चूकते। ऐसा ही फर्जी शादी का खेल पाली जिले में पावा गांव निवासी एक युवक से रचा गया है। गहने लेकर फरार हुई दगाबाज़ दुल्हन को आखिर पुलिस ने धर लिया। अब दगाबाज़ दुल्हन सलाखों के पीछे है। फर्जी शादी रचाने वाली दुल्हन एवं मंदसौर निवासी पूजा पुत्री रामलाल एवं उसकी मौसी चंपत बेन का रिमांड पूरा होने पर उन्हें न्यायालय में पेश किया गया। जहां से दोनों को जेल भेजा गया।


पुलिस ने बताया कि पावा निवासी कैलाश पुत्र किशनलाल जोशी ने 29 मार्च को रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि दो वर्ष पूर्व मध्यप्रदेश के मंदसौर से पारिवारिक संबंधों को लेकर पाली के राइकों की ढाणी आई माता मंदिर के निकट निवासी ताराचंद पुत्र शेषकरण से सम्पर्क किया था। उन्होंने मंदसौर निवासी कन्हैयालाल पुत्र मांगीलाल, पूजा पुत्री रामलाल, उदयराम एवं दामोदर ने मिलकर पूजा से शादी करवाई थी। बाद में एक लाख 70 हजार रुपए एवं मंगलसूत्र, चांदी के पायल सहित अन्य गहनें भी उसकी पत्नी को पहनाने के लिए दिए। करीब डेढ़ माह बाद उसकी पत्नी पूजा लापता हो गई। पुलिस ने फर्जी शादी रचाने के इस मामले में मंदसौर से पूजा पुत्री रामलाल, उसकी मौसी चंपत बेन को उप निरीक्षक दुर्गाराम राणा मय दल ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां दोनों को दो दिन के रिमांड पर सौपा। पुलिस ने फर्जी दुल्हन से नकदी बरामद की है। पूर्व में सहयोगी कन्हैयालाल पुत्र मांगीलाल एवं पाली शहर के राइकों की ढाणी निवासी ताराचंद पुत्र शेषकरण को जेल भेजा दिया गया था।