अजमेर। राजस्थान के अजमेर में तेलंगाना राज्य के अल्पसंख्यकों के लिए फैसेलिटी सेंटर कम रुबात गेस्ट हाउस निर्माण तथा अल्पसंख्यक छात्रावास निर्माण का विरोध क्षेत्रवासियों ने शुरू किया है। कोटड़ा एवं आसपास के क्षेत्रों के सैकड़ों लोगों ने बुधवार रात आपात बैठक कर गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण के आरोप लगाते हुए संघर्ष समिति का गठन किया है। समिति के बैनरतले गुरुवार को कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन होगा।
अजमेर विकास प्राधिकरण ने पुष्कर रोड स्थित रहवासी कोटड़ा आवासीय योजना में तेलंगाना सरकार को 5021 वर्ग मीटर भूमि (तेलंगाना हाउस) निर्माण के लिए आवंटित करते हुए 2 करोड़ 40 लाख रुपए का मांगपत्र जारी किया। यह राशि जमा करा दी गई। अब नक्शा और निर्माण स्वीकृति भी जारी कर दी गई है।
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इसी को देखते हुए कोटड़ा के क्षेत्रवासियों ने इसका विरोध शुरु कर दिया है और तेलंगाना हाउस (रुबात) विरोध मंच का गठन कर इसे निरस्त कराने के प्रयास तेज कर दिए हैं। कोटड़ा में ही हरिभाऊ विस्तार योजना में एक अल्पसंख्यक छात्रावास का निर्माण भी मंजूर किया गया है जिसका भी बड़े पैमाने पर विरोध दर्शाया जा रहा है।
अजमेर में नवगठित तेलंगाना हाउस विरोध मंच का कहना है कि इससे रहवासी क्षेत्र की शांति भंग होगी और नाना प्रकार की गतिविधियों का क्षेत्रवासियों को सामना करना पड़ेगा। इन क्षेत्रों में विवेकानंद स्मारक, चामुंडा माता मंदिर, जैसे कई धार्मिक स्थल है और तीर्थराज पुष्कर भी यहां से महज छह किलोमीटर दूर है। विरोध मंच की मांग है कि अजमेर विकास प्राधिकरण जमीन आवंटन तुरंत रद्द करें।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी एकबार इसी तरह का विरोध हो चुका है लेकिन अब तेलंगाना हाउस निर्माण का रास्ता साफ हुआ है। विरोध मंच का यह भी कहना है कि तेलंगाना हाउस बनते ही बंगाल हाउस के लिए भी रास्ता खुल जाएगा क्योंकि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अजमेर यात्रा के दौरान बंगाली जायरीन के लिए अजमेर में गेस्ट हाउस निर्माण की स्वीकृति दी थी। इस गेस्ट हाउस निर्माण की मांग दरगाह दीवान की ओर से की गई थी।