अजमेर। शहर के जाने-माने कारोबारी एवं पेट्रोल पंप संचालक गोविंद गर्ग, उनकी रिश्तेदार पायल अग्रवाल और मनोज खंडेलवाल के खिलाफ रामगंज थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। यह केस उनके ही पूर्व मुलाजिम ने दर्ज कराया है। पुलिस ने गोविन्द गर्ग पुत्र स्व. श्री रामलाल गर्ग निवासी विनायकम लोहागल रोड अजमेर, पायल अग्रवाल पत्नी मधुर गोयल निवासी- जोगराज कॉलोनी पुष्कर रोड अजमेर और मनोज खंडेलवाल निवासी-जोगराज कॉलोनी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच एएसआई मनीराम को सौंपी गई है।
प्रेमनगर टीचर कॉलोनी, फॉयसागर रोड अजमेर निवासी राकेश शर्मा पुत्र श्री राजेन्द्र प्रसाद ने पुलिस को दी रिपोर्ट दी कि ‘ मैं कई वर्षो तक बजरंग पेट्रोल पंप पर कार्य करता आ रहा था। इस पेट्रोल पंप का संपूर्ण कार्य प्रदीप गर्ग पुत्र श्री रामलाल गर्ग द्वारा निष्पादित किया जाता है और मधुर गोयल प्रदीप जी की बड़ी बहन का लडका है। मधुर गोयल प्रदीप जी गर्ग अपने मामा के संपर्क में रहता था आये दिन पेट्रोल पंप पर आता जाता रहता था इसलिये मेरी मधुर गोयल व उसके परिवार वालो से अच्छी जान पहचान थी ।
दिनांक 04.03.2021 को मधुर गोयल ने मुझसे सौदे बाबत बात की उसके पास ग्राम दौराई तहसील व जिला अजमेर में अवस्थित भूमिखाता सं. 197 खसरा सं. 384 मिन 385, 386 कुल रकबा 7बीघा 17 बिस्वा मे से 1 बीघा 17 बिस्वा और एक चौकिदार काटूटा-फूटा कमरा का मालिकाना हक उसके पास है। उसमे उक्त संपति को जशौदा देवी पत्नी मदन गोपाल से क्रय कर रखी है।
मधुर गोयल मुझे ग्राम दौराई स्थित जमीन पर लेकर गया व सारी जमीन मौके पर दिखाई व मुझे विश्वास दिलाया कि जमीन मेरेमालिकाना अधिकार की है जिस पर मैने विश्वास करते हुये दिनांक04.03.2021 को मधुर गोयल से उक्त संपति का कुल13,000/- रू. अक्षरे तेरह हजार रूपये प्रति वर्ग गज मे सौदा तय हुआ जिसमे से मौके पर दौराई रामगंज मे ही मधुर गोयल को साई पेटे रूपये 10,000/- रू. अक्षरे दस हजार रूपये मधुर गोयल को नगद अदा कर दिये और इकरारनामे के समय कुल20,00,000/-रू. अक्षरे बीस लाख रूपये दे दिये शेष राशि 51,00,000/-रू. इक्यावन लाख रूपये की राशि इकरानामे के निष्पादन की तिथि से 45 दिवस की अवधि में अदा कर बेनामा का पंजीयन करवाना तय किया गया और बकाया राशि का भुगतान पंजीयन के समय करना तय किया गया।
उक्त इकरारनामे पर बतौर गवाह प्रदीप गर्ग और कन्हैया लाल शर्मा द्वारा हस्ताक्षर किये गये । उक्त इकरारनामे का निष्पादन करते समय मधुर गोयल के द्वारा मुझे यह विश्वास दिलाया गया कि उक्त संपति का मालिकाना हक एवं राजस्व रिकॉर्ड में नाम उसी का चलता आ रहा है क्योकि मधुर गोयल प्रदीप जी गर्ग का सगा भांजा था इसलिये मैने विश्वास करते हुये इकरानामा निष्पादित कर दिया। उक्त इकरारनामे को नोटेरी करने के लिये जब मधुर गोयल से कहा तो उसने कहा कि थोड़ी देर मे मै नोटेरी को यही बुला लेता हूं मैने उक्त तीनो लोगो मधुर गोयल, प्रदीप गर्ग, कन्हैया शर्मा पर विश्वास करते हुये असल इकरारनामा इन्ही के पास छोड कर किसी आवश्यक कार्य से उसी समय मुझे बाजार जाना पड़ा।
इसके पश्चात उस दिन नोटेरी नही आया इसलिये उस दिन इकरारनामा मधुर गोयल के पास ही रह गया और मधुर गोयल ने मुझे यह विश्वास दिलाया कि उसने पंजीकृत विक्रय पत्र से संपति को खरीदा है और मुझे यह कहा कि आप चाहो तो उक्त संपति को आगे सौदा अंतरित कर पैसे प्राप्त कर सकते हो और मधुर गोयल ने कहा कि अगले खरीदने वाले के पक्ष मे भी रजिस्ट्री करवा सकता है जिससे दो बार का पंजीयन खर्च बच जायेगा।
मैने मधुर गोयल की उक्त बात पर विश्वास करते हुये उक्त संपूर्ण संपति में से दुकान की भूमि के रूप में एक इकरारनामा मनोज खण्डेलवाल के नाम से 84.44 वर्गगज भूमि का दिनांक 19.03.2021 को ही बेचान करने का करार कर लिया उक्त इकरारनामा करने के पश्चात मुझे मधुर गोयल व उसके परिवार वालो ने यह आश्वासन दिया कि अभी मधुर गोयल का स्वास्थ्य थोडा अभी नरम है अत्यधिक शराब के कारण लीवर खराब हो गया है और वह अस्पाताल में भर्ती है जैसे ही वह ठीक होंगे विक्रय पत्र का पंजीयन मेरे नाम निष्पादित करवा देंगे।
चूंकि मेरे मधुर गोयल से प्रदीप गर्ग के कारण अच्छे संबंध थे इसलिये मैने मधुर गोयल के स्वास्थ्य ठीक होने का इंतजार किया परंतु मधुर गोयल के लीवर की बीमारी से अत्यधिक पीडित होने के कारण दिनांक 19.05.2022 को मधुर गोयल की मृत्यु हो गई। इसके पश्चात मैने मधुर गोयल की पत्नी पायल अग्रवाल और अन्य परिजनो से लगातार निवेदन किया कि वह लोग इकरारनामे का पंजीयन मेरे पक्ष में करा देवे।
क्योकि मैने इकरारनामे के आधार परही संपूर्ण संपति मे से एक भूखण्ड को विक्रय करने का करार मनोज खण्डेलवाल के नाम कर लिया इस पर पायल अग्रवाल व मधुर गोयल के घरवालो ने मुझे यह कहा कि मधुर गोयल ने काफी कर्जा बैंको व बाजार व कई लोगो से कर लिया था। इसलिये सभी लोगों का हिसाब किताब देखना पडेगा कि उन लोगों से कैसे निपटा जाये। जब मनोज खण्डेलवाल ने मेरे विरूद्ध इकरारनामा दिनांक 19.03.2021 को लेकर एक एफ.आई.आर. दिनांक 13.03.2023 को दर्ज करा दी गई। उस एफ.आई.आर. के पश्चात मै पायल अग्रवाल व मधुर गोयल के परिवार वालो से मिला तो मुझे यह जानकारी मिली कि मधुर गोयल के पास तो केवल दिनांक 20.02.2021 का जशोदा देवी पत्नी श्री मदन गोपाल जी से उक्त संपति का इकरारनामा किया गया था।
मधुर गोयल के पास कोई पंजीकृत दस्तावेज नहीं था। उसी समय बातचीत के दौरान मधुर गोयल के बडे मामा गोविन्द गर्ग ने मुझे धमकी दी की वह इस सौदे से दूर हो जाये क्योंकि उक्त संपति में से पांच भूखण्डो को उसने प्रतीक अग्रवाल जो कि मधुर गोयल के ताउ जी का लडका है उसके जरिये कय किये है। और मुझे धमकी दी की इस प्रकरण में मुझे जेल भिजवा कर रहेगा। और गोविन्द गर्ग ने स्पष्ट रूप से कहा कि जो भी आदमी मधुर गोयल को दिये हुये पैसे वापस मांगने आयेगा तो उसे मधुर गोयल को आत्महत्या करने के लिये उकसाने के प्रकरण में झूठा फसा दिया जायेगा।
क्योंकि गोविन्द गर्ग व पायल अग्रवाल ने मधुर गोयल का एक झूठा व कूटरचित फर्जी सुसाईट नोट तैयार कर रखा है और गोविन्द गर्ग व पायल अग्रवालके द्वारा उन सभी को डराया व धमकाया जा रहा है जो-जो लोग मधुर गोयल में पैसा मांगते है और मुझको भी गोविन्द गर्ग व पायल अग्रवाल द्वारा फर्जी व कूचरचित सुसाईड नोट के आधार परफंसाने की धमकी दी जा रही है। और गोविन्द गर्ग द्वारा संपति पर अवैध रूप से अपना हक जताया जा रहा है जबकि संपति को उसे किसी तरीके से कय करने का अधिकार नही था । गोविन्द गर्ग नेमधुर गोयल की जो बी. एम. डब्ल्यू. कार थी उस आई.डी.एफ.सी. बैंक का लोन चला आ रहा था उसे भी जान बूझकर खुर्द-बुर्द कर दिया है।
जिससे कि बैंक का लोन नहीं चुकाना पडे। मधुर गोयल केलाईलाज बीमारी के तथ्यों को छुपाते हुये गोविन्द गर्ग व पायल अग्रवाल द्वारा मधुर गोयल का 5 करोड़ रूपये का बीमा करवा लिया और मधुर गोयल की मृत्यु के पश्चात पायल अग्रवाल के द्वारा 4 करोड़ 87 लाख रूपये की राशि बीमा कंपनी से प्राप्त करली है परंतु उसके उपरांत भी पायल अग्रवाल ने ना तो जशौदा देवीको पैसे दिये और ना ही उक्त संपति का पंजीयन कराया है।
और ना ही साई पेटे दी गई राशि 20लाख 10 हजार रूपये की राशि लोटा रही है। और गोविन्द गर्ग आये दिन मुझे धमकियां दे रहा है कि वह इस सौदे से हट जाये नही तो मेरे लिये अच्छा नहीं होगा। और पायल अग्रवाल व गोविन्द गर्ग ने असल दस्तावेजो को अपने कब्जे मे कर रखा है। जिसका वह नाजायज फायदा उठा रहे है।
मधुर गोयल ने आई.सी.आई.सी.आई. बैंक से भी 1 करोड रूपये का लोन ले रखा था। और मधुर गोयल के मरने के पश्चात लोन को नहीं चुकाना पडे इसके लिये मधुर गोयल के पिता डॉ. बृजमोहन अग्रवाल द्वारा एक रिपोर्ट एफ.आई.आर. सं. 199/2022 आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के अधिकारियो के विरूद्ध यह कह कर दर्ज करा रखी है कि लोन के दस्तावेज पर मधुर गोयल के फर्जी हस्ताक्षर है। पायल अग्रवाल व गोविन्द गर्ग द्वारा मुझे लगातार धमकियां दी जा रही है कि इस संपति के सौदे से बिना लेन देन के मै अलग हो जाऊ अन्यथा मधुर गोयल की मृत्यु को आत्महत्या दिखा कर तुम्हे झूठे केस मे फंसा देंगे। व पायल अग्रवाल ने साई पेटे की राशि देने से मना कर दिया और धमकी दी की यदि दुबारा साई पेटे की राशि की मांग करी तो मै महिला के साथ छेडछाड का झूठा मुकदमा तुम्हारे खिलाफ दर्ज करवा कर तुझे जेल भिजवा दूंगी।
इस प्रकरण की रिपोर्ट मैने पुलिस थाना रामगंज में दर्ज करवाई थी किन्तु पुलिस द्वारा आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। मेरे द्वारा की गई रिपोर्ट का कंपलेन नं.275410302300307 है।
यह कि मधुर गोयल द्वारा मेरे पक्ष में जो इकरारनामा दिनांक 04.03.2021 को किया गया उसमे मधुर गोयल ने मुझे विश्वास दिलाया कि मै इकरारनामे के आधार पर आगे इकरारनामा कर लू तब मैने एक इकरारनामा मनोज खण्डेलवाल व 4 अन्य लोगों के पक्ष में किया था जिसकी एडवांस में ली गई राशि भी मधुर गोयल को दे दी थी।
यह कि मनोज खण्डेलवाल पुत्र ओमप्रकाश खण्डेलवाल को भूखण्ड सं. 7 का इकरारनामा दिनांक19.03.2021 को किया जिसमे मेरे द्वारा 1,00,000/- रू.अक्षरे एक लाख रूपये मात्र बतौर साई के लिये थे मनोज खण्डेलवाल ने उक्त इकरारनामे दिनांक 19.03.2021 क आधार पर उसी दिन 19.03.2021 को ही सद्दाम हुसैन के पक्ष में का भूखण्ड सं. 7इकरारनामा 4,00,000/- रू. अक्षरे चार लाख रूपये ले लिये इस प्रकार अब इकरारनामे के अनुसार सद्दाम हुसैन पुत्र श्री अयूब भूखण्ड सं० 7 का अधिकृत व मालिक हुआ । मनोज खण्डेलवाल ने भूखण्ड सं. 7 को जरिये इकरारनामे मुझसे लेकर सद्दाम हुसैन को जरिये इकरारनामे हस्तांतरित कर दिया और खुद के पास कोई अधिकार नहीं होते हुये भी गोविन्द गर्ग के साथ मिलकर मेरे, प्रदीप गर्ग व कन्हैया शर्मा के खिलाफ पुलिस थाना रामगंज में मुकदमा सं.0116/2023 दर्ज करवा दिया जिसको कराने का उसको कोई अधिकार नहीं था।
अब मनोज खण्डेलवाल, गोविन्द गर्गव पायल अग्रवाल मुझे ब्लैकमेल कर संपूर्ण जमीन हडपने का षडयंत्र रच रहे है। मधुर गोयल की वारिसान पायल अग्रवाल ने मूल खातेदार जशौदा देवी को संपूर्ण भूखण्ड का पंजीयन करवाने हेतु दिनांक 31.10.2022 को एक नोटिस भी प्रेषित किया है। मान्यवर मै एक अपंग व लाचार व्यक्ति हूं। गोविन्द गर्ग ने मुझे अपनी कंपनी राज ऑटो व्हिल्स में फर्जी डायरेक्टर बना रखा है।
इस राज ऑटो व्हिल्स कंपनी पर 50 करोड रूपये का इनकम टेक्स व सेल टेक्स बकाया है। मैने माननीय पुलिस अधिक्षक साब को इस कंपनी से डायरेक्टर पद से हटाने हेतु प्रार्थना पत्र दे रखा है जिसकी जांच सी.ओ.नॉर्थ छवि शर्मा जी द्वारा लंबित है। इसी कारण से गोविन्द गर्ग, मनोज खण्डेलवाल व पायल अग्रवाल मुझे झूठा फंसा रहे है।
कृपया गोविन्द गर्ग, मनोज खण्डेलवाल व पायल अग्रवाल के खिलाफ फर्जी सूसाईड नोट, फर्जी डायरेक्टर बनाने, फर्जी इन्शयोरेंस क्लेम लेने व फर्जी मुकदमा दर्ज कराने के मामले में सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही करावे जिससे मुझ गरीब, अपंग व लाचार व्यक्ति को न्याय मिल सके। अतः श्रीमान से निवेदन है कि मुझ प्रार्थी की साई पेटे की राशि पायल अग्रवाल व उसके परिवारजनो से दिलवाई जाये व पायल अग्रवाल और गोविन्द गर्ग के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्यवाही करने की कृपा करे।