प्रिंसिपल की फर्जी डिग्री का विवाद भी फिर सुलगा
अजमेर। राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय अजमेर की प्रिंसिपल डॉ. रेखा मेहरा की डिग्री कथित तौर पर फर्जी होने और वहां के लगभग दो दर्जन शिक्षकों को नियम विरुद्ध वेतनवृद्धि देने का मामला एक बार फिर चर्चा में है। इस सम्बंध में निदेशालय की टीम का जांच प्रतिवेदन भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस जांच प्रतिवेदन में अनियमित वेतनवृद्धि के मामले में प्रिंसिपल सहित सभी शिक्षकों से रिकवरी करने और प्रिंसिपल की डिग्री की गहनता से जांच कराने की सिफारिश की गई थी। लेकिन यह जांच प्रतिवेदन कांग्रेस शासन में दबा ही रह गया।
कुछ साल पहले इंजीनियरिंग कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. रेखा मेहरा के खिलाफ हनुमानगढ़ निवासी उम्मेद बाजवा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भेज कर शिकायत की थी। उसमें बाजवा ने आरोप लगाया कि डॉक्टर मेहरा की डिग्री फर्जी है और कॉलेज में कई अनियमिताएं बरती जा रही हैं। शिकायत में बताया गया कि प्राचार्य पद की शैक्षणिक योग्यता में 4 वर्षीय बीटेक डिग्री धारी होना आवश्यक है लेकिन डॉ. रेखा मेहरा 3 वर्षीय बीटेक डिग्री धारक हैं।
तकनीकी शिक्षा निदेशालय जोधपुर की जांच टीम ने साल 2021-22 में इस प्रकरण की जांच कर अपनी रिपोर्ट पेश की थी। जांच दल में लेखाधिकारी सुश्री रश्मि टाक, सहायक लेखाधिकारी श्रीमती ममता और सहायक लेखा अधिकारी प्रवीन दैया शामिल थे। इस जांच टीम ने राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय बडल्या अजमेर में कार्यरत शिक्षकों की नियम विरुद्ध सामूहिक वेतन वृद्धि और प्रिंसिपल डॉ. रेखा मेहरा के खिलाफ मिली फर्जी डिग्री की शिकायत की जांच की थी।
टीम ने समय-समय पर जारी परिपत्र एवं नियमावलियों के आधार पर इन कार्मिकों की सेवा पुस्तिकाओं एवं व्यक्तिगत पत्रावलियों की जांच की। जांच टीम ने एक-एक शिक्षक की कुंडली तैयार की। जांच प्रतिवेदन में करीब दो दर्जन शिक्षकों को नियम विरुद्ध वेतन वृद्धि दिए जाने की पुष्टि हुई। यानी बिना योग्यता पूर्ण किए ही वेतनवृद्धि देकर सरकार को लाखों रुपए की चपत लगा दी गई।
यह की थी सिफारिश
जांच प्रतिवेदन में इन कार्मिकों से अनियमित वेतन वृद्धियों के संबंध में वसूली (रिकवरी) करने और प्रिंसिपल डॉ. रेखा मेहरा की बीटेक की डिग्री की गहनता से जांच करने की सिफारिश की गई थी लेकिन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में यह जांच प्रतिवेदन दबा दिया गया। बाद में भाजपा की भजनलाल सरकार आने पर इस जांच प्रतिवेदन का जिन्न वापस बाहर निकालने के आसार बने हैं।
शिकायतकर्ता ने अब भजनलाल सरकार से इस जांच प्रतिवेदन के आधार पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।
प्रिंसिपल की डिग्री को लेकर
यह की शिकायत
सभी आरोपों को आधारहीन बताया
इस सनसनीखेज मामले को लेकर दो-तीन वर्ष पूर्व समाचार पत्रों में जब खबरें प्रकाशित हुईं तो प्रिंसिपल डॉ. मेहरा ने सभी आरोपों को आधारहीन बताया था। उनका कहना था कि मैंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से 1991 में डिग्री हासिल की थी। यह डिग्री एनआईटी के समक्ष है। कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य एम. रायसिंघानी और श्रीगोपाल मोदानी इसकी जांच करा चुके हैं।
डिप्टी सीएम बैरवा कल
मुख्य अतिथि बनकर आएंगे
अतिथि नहीं बनाने पर भड़के देवनानी-सूत्र
अजमेर। फर्जी डिग्री और अनियमित वार्षिक वेतन वृद्धियों जैसे गंभीर विवाद से घिरे राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय बडल्या में 1 अक्टूबर को खुद तकनीकी एवं उच्च शिक्षा मंत्री उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने अजमेर आ रहे हैं। राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय में प्रथम वर्ष के नव आगंतुक छात्र-छात्राओं के स्वागत में पहली बार एक समारोह आयोजित किया जा रहा है। जिससे ‘आद्यमान 2024’ नाम दिया गया है।
यह समारोह दोपहर 3:00 बजे से राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के राजीव गांधी सभागार में होगा। इसमें विशिष्ट अतिथि राज्य के जल एवं संसाधन मंत्री सुरेश रावत होंगे। संभागीय आयुक्त महेश चंद्र शर्मा को सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है लेकिन इस आयोजन के निमंत्रण पत्र में अतिथियों के रूप में विधानसभा अध्यक्ष एवं अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी और अजमेर दक्षिण की विधायक अनिता भदेल का नाम नहीं है। यह भी गौरतलब है कि इंजीनियरिंग कॉलेज की तरफ से पहली बार कैम्पस के बाहर कोई समारोह आयोजित किया जा रहा है। यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि कैम्पस में पर्याप्त स्थान और संसाधन होने के बावजूद बाहर आयोजन किया जा रहा है।
सूत्र बताते हैं कि 2 दिन पहले जब कॉलेज के कर्ता-धर्ता विधानसभा अध्यक्ष को अजमेर में उनके निवास पर इस समारोह का निमंत्रण पत्र देने गए तो उसमें अपना नाम नहीं होने पर देवनानी ने कड़ी नाराजगी जताई और कॉलेज के प्रतिनिधि मंडल को बैरंग लौटा दिया था।
इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने विधायक भदेल को साधने के लिए मुख्य आयोजन से एक दिन पहले आनन फानन में आजादी का अमृत महोत्सव का एक अन्य कार्यक्रम रखकर उसमें बतौर मुख्य अतिथि भदेल को आमंत्रित कर लिया। सोमवार को भदेल ने इसमें शिरकत की।
सूत्र बताते हैं कि जनप्रतिनिधियों को साधने की यह सारी कवायद उस जांच प्रतिवेदन पर कार्रवाई रुकवाने के लिए की जा रही है।