पंडित दीनदयाल की हत्या के कारणों का भी हो खुलासा
February 12, 2017
breaking, जयपुर, पॉलिटिक्स, राजस्थान
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जयपुर। दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय को देश के लिए शहीद होना पड़ा था। जिस पार्टी की स्थापना ही शहादत और त्याग से हुई हो उसमें ऐसे लोग आ गए हैं जो लगातार पार्टी की छवि को खराब कर रहे हैं। ऐसे में हमें प्रतिज्ञा करनी होगी कि भाजपा की छवि खराब करने वालों से इस विचार परिवार को मुक्त कराएं।
इस दौरान उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जिस प्रकार से सुभाष चंद्र बोस की हत्या के राज से धीरे धीरे पर्दा हटाया जा रहा है ठीक उसी प्रकार स्व दीनदयाल उपाध्याय जी की हत्या के कारणों का भी खुलासा किया जाना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि जनसंध के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय की हत्या के पीछे राजनीति में उनका बढ़ता हुए कद भी हो सकता है।
तिवाड़ी शनिवार को वाहिनी के प्रदेश कार्यालय पर दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश में भाजपा का संगठन पार्टी के विधान के हिसाब से नहीं बना हुआ है। उन्होंने बताया कि पार्टी के विधान के हिसाब से तीन माह में एक बार प्रदेश कार्यकारिणी की मीटिंग होनी चाहिए यदि ऐसा न होता हो तो उसकी वैधानिकता समाप्त हो जाती है।
प्रदेश में बीते तीन साल में महज एक कार्यकारिणी मीटिंग हुई जिसके कारण वैधानिक रूप से अध्यक्ष रहने और कार्यकारिणी का कोई महत्व नहीं रह जाता है। साथ ही उनके द्वारा नियुक्त जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्षों का भी कोई महत्व नहीं रह जाता है।
तिवाड़ी ने कहा कि यह बड़ा ही महत्वपूर्ण प्रश्न है क्योंकि लोकतंत्र को समाप्त करने के लिए सबसे पहले पार्टी के तंत्र को समाप्त कर दिया जाए जिससे सत्ता का तंत्र सर्वतंत्र हो जाए। ऐसा दीनदयाल उपाध्याय जी नहीं चाहते थे, वे इसका विकेंद्रीकरण चाहते थे। इसलिए उन्होंने जनसंघ के संविधान में भी चुनाव का विधान जोड़ा था, इसलिए उस दौरान जनसंघ में भी आंतरिक चुनाव करवाए जाते थे। मगर अब उसे भुलाया जा रहा है।
जनता पार्टी से अलग होते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम अलग नहीं होना चाहते मगर दोहरी सदस्यता के नाम पर हम लोगों को अलग करने का षड्यंत्र किया गया। आज राजस्थान भाजपा में भी वहीं स्थिति पुन: पैदा की जा रही है।
जिस प्रकार से जनता पार्टी से भारतीय जनता पार्टी को अलग किया गया उसी प्रकार से राजस्थान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार पर चलने वाले लोगों को पार्टी और संगठन से अलग करने का प्रयत्न किया जा रहा है। तिवाड़ी ने उपस्थित कार्यकर्ताओं से कहा कि हमें कोशिश करनी है कि हम उनके इस प्रयत्न को नाकाम करें और पंडित दीनदयाल के आदर्शों पर भाजपा चले, यही हमारी पंडित दीनदयाल को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस कार्यक्रम के बाद तिवाड़ी ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि आज दीनदयाल जी के नाम से कबड्डी प्रतियोगिता, शिविर, मेलों का आयोजन किया जा रहा है मगर उनकी मूलभूत बात को भूला दिया गया।
उन्होंने बताया कि स्व. उपाध्याय जी से पूछा गया कि यदि जनसंघ में भ्रष्टाचार पनपा तो आप क्या करेंगे? तो उनका जवाब था यदि ऐसा हुआ तो मैं जनसंघ को सौ दफा समाप्त करूंगा। तो पंडित दीनदयाल जी अपने सार्वजनिक जीवन में स्वच्छता, नैतिकता और ईमानदारी चाहते थे। मगर दुर्भाग्य है कि राजस्थान की वर्तमान सरकार में इन तीनों चीजों की ही कमी है। इसलिए दीनदयाल वाहिनी राजस्थान में यह काम कर रही है कि पंडित जी जिन मुल्यों की स्थापना के लिए बलिदान दिया था उसे व्यर्थ न जाने दिया जाए और उन मुल्यों की रक्षा के लिए वाहिनी मैदान में खड़ी होकर कार्य कर रही है।
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