अजमेर। ब्राह्मणों की अस्मिता पर टिप्पणी करके विवाद में फंसे शिक्षा राज्यमंत्री ब्राह्मणों की नाराजगी से पार नहीं पा सके हैं। भगवान परशुराम जयंती पर अपने समर्थकों के जरिए मुख्य अतिथि बनकर आए देवनानी ने ब्राह्मण समाज को खुश करने व उनका समर्थन मिलने का खूब दिखावा किया। उन्होंने शिक्षा पाठ्यक्रम में भगवान परशुराम की जीवनी पढ़ाने की घोषणा कर विप्र समाज को खुश करने का प्रयास भी किया।
मीडिया मैनेजमेंट के जरिये इसका प्रचार प्रसार भी कराया, मगर नाराज ब्राह्मण समाज इससे तनिक भी प्रभावित नजर नहीं आ रहा। समाज की नाराजगी कायम है। रात होते-होते कई विप्र बंधुओं ने देवनानी के इस कार्यक्रम को प्रायोजित बताते हुए विरोध जता दिया। साथ ही सोशल मीडिया पर भी ब्राह्मण समाज ने अपनी नाराजगी जाहिर कर दी।
अगले दिन शनिवार को पुष्कर में देवनानी की सदबुद्धि के लिए यज्ञ किया। साथ ही सरोवर का अभिषेक और भगवान परशुराम की शक्ति के प्रतीक फरसे की पूजा भी की।
समाज की मांग है कि देवनानी अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगें। इसके लिए विप्र बन्धु पिछले कई दिन से आंदोलन कर रहे हैं। देवनानी को मंत्रीमंडल से बर्खास्त करने की मांग लेकर वे अपने खून से लिखी चिट्ठियां मुख्यमंत्री को भेज चुके हैं। साथ ही देवनानी के सभी कार्यक्रमों के बहिष्कार की घोषणा कर चुके हैं।
इससे उलट ब्राह्मण समाज का एक धड़ा देवनानी के समर्थन में है। इस धड़े का कहना है कि देवनानी तो समाज के सच्चे हितैषी हैं। राजनीतिक कारणों से उनका विरोध किया जा रहा है।
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