जयपुर/अजमेर। राजस्थान में कांग्रेस के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों की पहली सूची आने के बाद टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर महामंत्री ज्योति खंडेलवाल ने इस्तीफा दे दिया, अजमेर में दो भाईयों में से एक को टिकट देने पर दूसरे ने बगावत का झंडा उठा लिया तथा कई उम्मीदवारों के समर्थकों ने पार्टी आलाकमान के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया।
विरोध प्रदर्शन को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस कार्यालय की सुरक्षा मजबूत की गई है। पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल ने जयपुर के किशनपोल से टिकट मांगा था लेकिन उन्हें नहीं मिला। इससे नाराज होकर उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
जयपुर में विद्याधरनगर से टिकट नहीं मिलने पर विक्रम सिंह ने भी निर्दलीय चुनाव लडने का मानस बनाया है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बीडी कल्ला को टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। बीकानेर में पिछले चुनाव में उम्मीदवार रहे गोपाल गहलोत ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
कोटा दक्षिण में राखी गौतम को उम्मीदवार बनाने से नाराज होकर शिवकांत नदवाना और पंकज मेहता के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की तथा टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।
इसी तरह अजमेर दक्षिण से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व मंत्री ललित भाटी ने नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। यहां कांग्रेस ने उनके भाई हेमंत भाटी को टिकट दिया है। दोनों भाई कांग्रेस से टिकट के लिए जोर आजमाइश में लगे थे। पिछली बार की तरह इस बार भी कांग्रेस ने बडे भाई की जगह छोटे भाई हेमन्त भाटी को टिकट दिया तो ललित बागी हो गए। दोनों भाइयों के बीच सम्पत्ति को लेकर विवाद पहले से है। ललित भाटी के मुकाबले हेमन्त की साफ सुथरी छवि को देखते हुए कांग्रेस ने टिकट दिया है।