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‘जुमलों के बादशाह’ की किसान रैली रही असफल : कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘जुमलों का बादशाह’ करार देते हुए बुधवार काे आरोप लगाया कि वह लगातार चार साल से देश के किसानों को गुमराह कर रहे हैं इसलिए पंजाब में उनकी किसान रैली पूरी तरह असफल रही।

कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने यहां पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि ‘जुमलों के बादशाह’ मोदी जो बोलते हैं वह करते नहीं हैं। उनकी करनी तथा कथनी में जमीन आसमान का फर्क है और देश का किसान इसे समझ गया है इसलिए पंजाब में मुक्तसर के मलोट में बुधवार को आयोजित उनकी किसान कल्याण रैली में किसान नहीं आए और सिर्फ भाड़े की भीड़ को ही प्रधानमंत्री ने संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि मोदी असत्य बोलते और उनके झूठे जुमले देश ही नहीं पूरी दुनिया में मशहूर हो चुके हैं। सब जानते हैं कि श्री मोदी जो बोलते हैं उसे क्रियान्वित नहीं करते हैं। सत्ता में आने के बाद से ही वह किसानों को झांसा दे रहे हैं और देश के हर कोने का किसान उनकी इस असलियत को समझ चुका है इसलिए अब उनके जुमलों में आकर गुमराह नहीं होता है।

 

प्रवक्ता ने मोदी को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के समय की योजनाओं की ‘कॉपी पेस्ट करने और उनकी मार्केटिंग’ करने का आरोप लगाया और कहा कि जो योजनाएं कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने शुरू की मोदी सरकार उन्हें आज अपना बता रही है।

चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार दावा कर रही है कि उसने मृदा हेल्थ कार्ड योजना शुरू की है जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने इसे 2009 में शुरू कर दिया था और 2012 तक कांग्रेस सरकार पांच करोड़ कार्ड दे चुकी थी। इसी तरह से 1141 मृदा जांच केंद्र स्थापित करने का दावा किया जा रहा है जबकि असलियत यह है कि वह जानकारी देने वाले केंद्रों को परीक्षण केंद्र बता रही है।

उन्होंने कहा कि योजना नीम कोटेड यूरिया योजना को भी सरकार इस तरह से प्रचारित कर रही है कि 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद ही इसे लागू किया गया है जबकि कांग्रेस सरकार ने इस योजना को 2011 में शुरू कर दिया था। उन्होंने इसे मोदी का अपना बचाव करने का प्रयास बताया और कहा कि वह अपने बचाव के लिए पूरी ताकत से काम करते हैं जबकि किसान को सिर्फ गुमराह कर रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा किसानों की आवाज बनकर काम किया है। संसद से लेकर सड़क तक कांग्रेस किसानों के साथ है और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं। गांधी किसानों के मुद्दे पर मुखर होकर किसान विरोधी नीतियों का विरोध कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों को लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का दावा किया था लेकिन चार साल तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि धान पर किसानों को जो न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया गया है वह कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की 2018-19 की रिपोर्ट के हिसाब से किसानों के धान की कीमत में सिर्फ 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।