अजमेर। अजमेर लोकसभा उपचुनाव में उम्मीदवारी को लेकर कांग्रेस में मतभेद उजागर हुए हैं। मसूदा से कांग्रेस के पूर्व विधायक हाजी कय्यूम खान ने प्रदेश कांग्रेस संगठन की मजबूती के मद्देनजर प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट को उनके मुंह पर ही अजमेर लोकसभा उपचुनाव नहीं लड़ने की सलाह दे डाली।
कांग्रेस के अन्य कई पूर्व विधायकों ने कहा कि सचिन पायलट चुनाव लड़ें तो ही अजमेर उपचुनाव में फतह सुनिश्चित है। पूर्व विधायकों का मानना था कि अजमेर की जनता भाजपा शासन से आजिज आ गई है और कांग्रेस की तरफ आशा व उम्मीद से देख रही है।
मंगलवार को कांग्रेस मुख्यालय पर अजमेर कांग्रेस के नेताओं से फीडबैक लिया जा रहा था। चुनावी माहौल बनाने के लिए व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया गया। चुनाव की रणनीति तय की गई। कांग्रेस नेताओं ने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस पूरी आक्रमकता के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी।
शहर कांग्रेस प्रवक्ता मुजफ्फर भारती के अनुसार अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, सह प्रभारी विवेक बंसल, देवेंद्र तथा तरुण कुमार ने शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन अजमेर से पूर्व विधायक डॉ राजकुमार जयपाल, ललित भाटी, डॉ गोपाल बाहेती, पूर्व महापौर कमल बाकोलिया दक्षिण से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे हेमंत भाटी सहित ब्लॉक अध्यक्ष आरीफ हुसैन, विजय नागौरा और अग्रिम संगठनों के अध्यक्षों में शैलेन्द्र अग्रवाल, सबा खान, इमरान सिद्दीकी, महेश चौहान को अजमेर लोकसभा उपचुनाव के मद्देनजर आक्रामक रणनीति बनाने के लिए मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर बुलाकर व्यापक रूप से चर्चा की।
इस बैठक में लोकसभा उपचुनाव के मद्देनजर कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर सभी पूर्व विधायकों ने सचिन पायलट को चुनाव मैदान में उतारे जाने पर कांग्रेस की जीत निश्चित बताई। हाजी कय्यूम खान ने तपाक से कहा कि इससे अगले तीन माह तक सचिन पायलट अपने चुनाव में ही व्यस्त हो जाएंगे तो प्रदेश कांग्रेस संगठन की जिम्मेदारी कौन उठाएगा जबकि इस समय कांग्रेस को प्रदेश स्तर पर मजबूती की जरूरत है। उन्होंने सलाह दी कि सचिन पायलट चुनाव नहीं लड़ें।
बैठक में पूर्व विधायक की बात को गंभीरता से सुना गया। आगामी रणनीति पर महत्वपूर्ण निर्णय किए गए, जिसके तहत बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं के सम्मेलन एवं बूथ कमेटियों के प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के साथ कांग्रेस ने पूरी मजबूती के बल पर चुनावी समर में उतरने का फैसला किया। पीसीसी में सभी राष्ट्रीय नेताओं ने कहा कि इस बार कांग्रेस कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों का राजनीतिक भविष्य बूथ स्तर पर उपचुनाव में उनकी परर्फोमेंस पर ही निर्भर करेगा।
बैठक में कांग्रेस नेताओं का कहना था कि जिस तरह से केंद्र और राज्य सरकार के प्रति आमजन में नाराजगी बढ़ी है,कांग्रेस को उसे भुनाने का काम करना होगा। साथ ही 2013 के विधानसभा चुनाव में सीएम वसुंधरा राजे और 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किए वादों के सच को जनता के सामने लाकर भाजपा पर बिंदुवार हमले करने की नीति पर काम करना सबकी जिम्मेदारी है। कांग्रेस जवाब मांगेगी कि उप चुनाव से पहले राज्य सरकार कहां थी? इससे पहले इन क्षेत्रों के लोगों की याद भाजपा को क्यों नहीं आई?
एआईसीसी महासचिव एवं राजस्थान प्रभारी अविनाश पाण्डे ने सभी नेताओं को साफ तौर पर निर्देश दिए कि बूथ पर सक्रियता से काम पर जुट जाएं क्योंकि सभी को बूथ पर जिम्मेदारी दी जाएगी। बूथ स्तर पर संवाद कार्यक्रम आयोजित कर आक्रामक तेवर आख्तियार कर बूथ इकाई को ऐसा मजबूत कर लें की भाजपा मुकाबले में ही नहीं रहे।
पाण्डे ने सभी नेताओं को कहा कि उनके यहां आने और सभी नेताओं को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर बुलाने का मुख्य उद्देश्य कांग्रेस पार्टी पोलिंग बूथ पर किस तरीके से मजबूत होगी, उसे वैचारिक तौर पर मजबूत करने का प्रयास करना है। पोलिंग बूथ पर ही लड़ाई लड़ी जाती है।
‘बूथ जीता तों चुनाव जीता’ की नीति पर काम होना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए| पोलिंग बूथ पर पार्टी के पक्ष में आने वाले रिजल्ट नेताओं का रिपोर्ट कार्ड माना जाऐगा। बूथ पर चुनाव तभी जीता जा सकता है कि जब पार्टी के वरिष्ठ नेता बूथ पर काम करें। परिवर्तन की भावना के साथ संगठन की तैयारी जीत का मुख्य आधार होता है इसलिए सभी नेताओं को आम वोटर का साथ लेकर उस चुनौती को स्वीकार करना होगा।
बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि पार्टी विचारधारा के प्रति निष्ठा ही संगठन की मजबूती का मूल मंत्र है। पार्टी की संस्कृति व समृद्ध अतीत को मद्देनजर रख भविष्य की मजबूत नींव रखें। ग्राम से जिला स्तर तक रचनात्मक व समर्पित लोगों को पार्टी से जोड़कर धर्मनिरपेक्ष विचारधारा को जन-जन तक पहुंचा कर संगठन बूथ स्तर पर मजबूत कर दें।
समय काफी कम है, लेकिन अजमेर के नेताओं की क्षमताओं से वाकिफ हूं। समयबद्ध रूप से चुनाव की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाएं। सभी नेता एक जुटता के साथ काम पर लग जाएं तो कांग्रेस को कोई पराजित नहीं कर सकता। बैठक में सहप्रभारी विवेक बंसल, देवेंद्र यादव तथा तरुण कुमार ने भी उप चुनाव को लेकर दिशा-निर्देश दिए।