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अटलजी की भतीजी ने मोदी-शाह पर लगाए वोटों की राजनीति का आरोप, कहा श्रद्धा नहीं स्वार्थ

रायपुर। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी एवं पूर्व सांसद करूणा शुक्ला ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह में अचानक वाजपेयी जी के प्रति उमड़ा प्रेम उनके प्रति श्रद्धा नहीं बल्कि इसके जरिए वोटो की गणित को ठीक करने का प्रयास है।

शुक्ला ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से वाजपेयी जी परिदृश्य में नही थे, लेकिन उनके देहावसान की खबर ने देशवासियों के उद्देलित कर दिया और इस दुखद समाचार ने आम देशवासियों के साथ ही सभी राजनीतिक दलों एवं विदेशी नेताओं तक में उनके प्रति उमड़े अगाध स्नेह ने मोदी एवं शाह में अचानक वाजपेयी जी के प्रति अपार प्रेम जगा दिया कि उनके जरिए भी वोटो की राजनीति का गणित बैठाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि 10 वर्षों से परिदृश्य पर नहीं रहने पर मोदी जी को लगा कि वाजपेयी जी का अब कोई नाम लेवा नही रहा, इसके चलते ही उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद सार्वजनिक कार्यक्रमों तक मे कभी वाजपेयी जी को याद नही किया, तीन बार लाल किले की प्राचीर से अपने सम्बोधन में उनके नाम का उल्लेख नहीं किया लेकिन इस बार उन्होंने इसलिए नाम का उल्लेख किया क्योंकि वह 14 अगस्त को एम्स में देख कर आए थे कि वाजपेयी जी की हालात नाजुक है। उन्होंने कहा कि वाजपेयी के प्रति अगर इतनी ही श्रद्धा थी तो क्यों पहले उनके बेहतर इलाज की चिन्ता क्यों नहीं की।

मोदी जी का वाजपेयी जी की अन्तिम यात्रा में पांच किलोमीटर पैदल चलना क्या उनके प्रति प्रेम को नहीं दर्शाता,यह पूछे जाने पर उन्होने कहा कि मोदी जी हर काम चर्चा में बने रहने के लिए करते है। पांच किलोमाटर पैदल चलने की बजाय महज दो कदम वाजपेयी जी के रास्ते पर वह चलते तो कहीं बेहतर होता।

उन्होंने कहा कि अगर वह वाजपेयी जी के रास्ते पर चलते तो भाजपा को वाजपेयी जी के साथ खून पसीने से खड़ा करने वाले लालकृष्ण आडवाणी का अपमान एवं तिरस्कार नहीं करते। जोशी जी को अपमानित नहीं करते।

वाजपेयी के अस्थिकलश को जिले जिले एवं ब्लाक ब्लाक ले जाने पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि इसके जरिए वोट की राजनीति हो रही है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में अस्थिकलश का विसर्जन हो गया, कुछ और पवित्र नदियों में हो राज्यों तक अस्थिकलश आए यह तो किसी हद तक उचित माना जा सकता है,पर जिले जिले में विसर्जन क्या है। उन्होंने छत्तीसगढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि बिलासपुर के जिस घाट पर विसर्जन होना है, वह कितना गन्दा रहता है यह स्थानीय लोग ही जानते हैं।

उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार के नया रायपुर को अटल नगर एवं कई स्थानों आदि के नामकरण को अटल जी के नाम पर करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि अचानक अटल जी के प्रति प्रेम का जागना केवल जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव है, न कि श्रद्दा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह एवं उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को तब अटल जी के नाम का एक बैनर भी लगवाना याद नहीं आया जब राज्योत्सव में फिल्म स्टार करीना कपूर को बुलाया। मोबाइल बांटने हाल ही में बुलाई गई कंगना रनौत के कार्यक्रम में भी अटल के नाम का जिक्र नहीं हुआ और अब अगाध स्नेह जताया जा रहा है।

कांग्रेस में होने के कारण ही वह विरोध कर रही है यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 68 वर्ष की उम्र में अपने चाचा के नाम पर हो रहे मजाक पर वह सवाल उठा रही है। राजनीति करने के बहुत सारे विषय हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को उन्होंने चाचा जी से अनुमति लेकर ही छोड़ा था क्योंकि वह वाजपेयी आडवाणी जी के रास्ते से मोदी जी के रास्ते पर चलना शुरू कर चुकी थी।

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