एक पठान नौकरी मांगने पहुंचा
मालिक:- क्या तुम लिख-पढ़ सकते हो?
पठान:- हुजूर, लिख तो सकता हू, पर पढ़ नहीं सकता।
मालिक:- अच्छा! कागज पर अपना नाम लिखो।
पठान ने कागज पर टेढ़ी-मेढ़ी लकीरे खींच दी।
मालिक :- यह तुमने क्या लिखा है?
पठान:- साहब, मैंने पहले ही कहा था कि मैं लिख सकता हूं, पढ़ नहीं सकता।
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जब मुर्गियों के फार्म की हुई जांच…
मुर्गियों के फार्म में एक बार निरीक्षण के लिए इंस्पेक्टर आया!
इंस्पेक्टर:- तुम मुर्गियों को क्या खिलाते हो?
पहला मालिक:- बाजरा!
इंस्पेक्टर:- खराब खाना, इसे गिरफ्तार कर लो!
दूसरा:- चावल!
इंस्पेक्टर:- गलत खाना इसे भी गिरफ्तार कर लो!
संता की बारी आई, वह डरते-डरते बोला: हम तो जी मुर्गियों को 5-5 रुपए दे देते हैं
कि जो तुम्हारी मर्जी है जाकर खा लो!
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संता को हुआ बीवी पर शक!
संता को अपनी बीवी पर शक था कि उसका उसके अलावा किसी और के साथ भी चक्कर है,
वह उसे रंगे हाथ पकड़ना चाहता था और उसे सजा देना चाहता था इसलिए उसने एक पिस्तौल खरीद ली!
एक दिन वह दोपहर को अचानक बिना बताए अपने घर पहुंचा…
देखा तो उसके अनुमान के अनुसार उसकी बीवी किसी और के साथ रंगरलियां मना रही थी!
यह सब नजारा देखकर संता का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया
उसने वह नई-नई खरीदी हुई पिस्तौल सामने अपनी बीवी पर तानी,
फिर दुखी होकर इरादा बदलते हुए उसने वह पिस्तौल अपनी कनपटी पर लगाई!
वह ट्रिगर दबाने ही वाला था कि उसकी बीवी चिल्ला उठी, नही पतिदेव…ऐसा मत करो!
चुप रहो…अगला नंबर तुम्हारा है…संता जोर से चिल्लाया!
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पति-पत्नी में लड़ाई हुई और पति ने आत्महत्या करने की सोच कर बाजार से जहर लाकर खा लिया।
वह मरा नहीं, बीमार हो गया।
पत्नी ( गुस्से में बोली) – सौ बार कहा है कि चीजें देखकर ख़रीदा करो,
पैसे भी गये और जिस काम के लिए लाये वह भी नहीं हुआ !
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