जयपुर। सेंसर बोर्ड ने फिल्म ‘पद्मावती’ देखने के लिए जयपुर के दो अनुभवी इतिहासकारों को आमंत्रित किया है और उनसे फिल्म पर राय मांगी है। इन इतिहासकारों में प्रोफेसर बीएल गुप्ता और प्रोफेसर आरएस खंगारोत शामिल हैं।
गुप्ता राजस्थान विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर हैं और वे मध्ययुगीन काल के दौरान भारत पर कई किताबें लिख चुके हैं, जबकि खंगारोत अग्रवाल कॉलेज प्रमुख हैं।
संवाददाताओं से खंगारोत ने कहा कि फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर टकराव सिर्फ करणी सेना और निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली के बीच ही नहीं, बल्कि भंसाली और इतिहासकारों के बीच है, यही वजह है कि हम एक बार फिल्म देखेंगे, जिससे स्पष्ट हो जाएगा कि इसमें इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है या नहीं।
गुप्ता ने कहा कि भले ही यह कलात्मक स्वतंत्रता है, लेकिन यह इतिहास की कीमत पर नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट होना चाहिए कि हम ऐतिहासिक तथ्यों को सर्वश्रेष्ठ ज्ञान से साझा करेंगे और किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि फिल्म में जौहर (स्वयं को अग्नि को समर्पित करने) की पुरानी परंपरा को प्रभावी ढंग से दिखाया जाना चाहिए, जिससे दर्शकों पर इसके प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं। फिल्म में रोमांस नहीं होना चाहिए। सूत्रों के अनुसार अगले महीने फिल्म की समीक्षा करने के लिए एक चार सदस्यीय पैनल का गठन किया गया है।