जयपुर। राजस्थान सरकार पर हाईकोर्ट की अवमानना के तीन हजार से ज्यादा मामले चल रहे हैं। इसे देखते हुए ऐसे मामलों में सरकार ने सीधे संबंधित अधिकारी और वकील की जिम्मेदारी तय कर दी है।
दरअसल, राजस्थान में पिछले कुछ समय में सरकारी भर्तियों और कर्मचारियों की पदोन्नतियों से संबंधित कोर्ट केस तेजी से बढ़े हैं और इनमें अवमानना के केस सबसे ज्यादा हैं। हाल ही हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को बुलाकर न्यायिक अवमानना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई थी।
इसके मद्देनजर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने जब समीक्षा की तो सामने आया कि संबंधित अधिकारी हाईकोर्ट के फैसलों की कॉपी ही समय पर नहीं देते। इससे मामले में अपील करने के बारे में समय पर फैसला नहीं हो पाता।
मुख्य सचिव ने अब विभागों को निर्देश दिए हैं कि अपील में देरी के तीन प्रमुख कारण चिह्नित करें। वित्तीय भार का आकलन करें और इसके हिसाब से समय पर निर्णय करें।
मुख्य सचिव ने ऐसे मामलों में केस के इंचार्ज अधिकारी और वकील की जिम्मेदारी तय की है कि वह सात दिन में निर्णय की प्रति विभाग के सचिव या प्रमुख सचिव को मुहैया कराएंगे, ताकि आगे की कार्यवाही की जा सके।