धनबाद. झारखंड के धनबाद में बुधवार सुबह सड़क दुर्घटना में जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत हो गई. यह घटना शहर के रणधीर वर्मा चौक पर हुई, जहां एक ऑटो ने उन्हें पीछे से बुरी तरह टक्कर मारी और फिर मौके से फरार हो गया. पुलिस को इस घटना का सीसीटीवी फुटेज मिला है, जिसमें एक ऑटो उन्हें टक्कर मारते दिखाई दे रहा है. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए राज्य पुलिस से रिपोर्ट तलब की है. पुलिस ने दो सन्दिग्ध को हिरासत में लिया है. साथ ही STI का गठन कर मामले की तह में जाने की मशक्कत शुरू कर दी है.
दुर्घटना के बाद स्थानीय लोगों ने उन्हें शाहिद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां पर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. वो हजारीबाग के रहने वाले थे. उनके पिता और भाई हजारीबाग कोर्ट में अधिवक्ता हैं जबकि उनके दो साले IAS अधिकारी हैं. पुलिस हत्या और हादसे दोनों के एंगल से इस मामले की जांच कर रही है.
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इस घटना की सूचना मिलते ही प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडे, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अर्जुन साव समेत जिला के तमाम न्यायिक पदाधिकारी एवं मृतक के परिजन अस्पताल पहुंचे.
घटना की सूचना पर धनबाद के एसएसपी, एसपी समेत जिला प्रशासन के आला अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचकर जांच में जुट गए. फिलहाल टक्कर मारने वाले ऑटो के बारे में अब तक कुछ भी पता नहीं चल सका है. इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की जा रही है. इस घटना का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि कैसे एक ऑटो जज को टक्कर मारकर वहां से निकल गया.
न्यायाधीश उत्तम आनंद ने छह माह पूर्व ही धनबाद के न्यायाधीश के रूप पदभार संभाला था. इससे पहले वो बोकारो के जिला एवं सत्र न्यायाधीश थे. बताया जा रहा है कि रोज की तरह मॉर्निंग वॉक के लिए सुबह 5 बजे अपने घर से निकलते थे.
इसी दौरान रणधीर वर्मा चौक के आगे न्यू जज कॉलोनी मोड़ पर विपरीत दिशा से आ रहे एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी. सड़क पर तड़पता देख पवन पांडे नामक एक राहगीर ने उन्हें घायल अवस्था में इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया जहां पर इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.
क्या इस वजह से हुई उनकी हत्या?
उत्तम आनंद चर्चित रंजय हत्याकांड की सुनवाई कर रहे थे. रंजय सिंह धनबाद के बाहुबली नेता और झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह के काफी करीबी माने जाते थे. कुछ दिन पहले ही शूटर अभिनव सिंह और अमन के गुर्गे रवि ठाकुर की जमानत याचिका उन्होंने खारिज कर दी थी. आशंका जताई जा रही है कि रंजय सिंह हत्याकांड मामले में ही उनकी हत्या की गई है.