नई दिल्ली। धंधेबाज और फांदेबाज अपने फायदे के लिए कहीं भी गुल खिला सकते हैं। यहां तक कि अस्पताल में भर्ती मरीजों तक को नहीं बख्शते हैं। ऐसे ही एक मामले में पुलिस ने एम्स अस्पताल से एक फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। वह खुद को डॉक्टर बताता था और मरीजों के काम करा देने का झांसा देकर उनसे रुपये ऐंठता था।
आरोपी की पहचान वाराणसी की तुलसीदास कॉलोनी उत्तर प्रदेश निवासी रिताज त्रिपाठी के रूप में हुई है। आपातकालीन विभाग में वह मरीजों को देखकर उन्हें इंस्ट्रक्शन दे रहा था।
तभी एक डॉक्टर को उस पर शक हुआ। उसने अपने सीनियर को बताया। उससे पूछताछ की गई तो पता चला कि वह लोगों को गुमराह कर मरीजों का इलाज कर रहा है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
दक्षिणी दिल्ली जिले के एडिशनल डीसीपी चिनमय बिश्वाल ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि आरोपी योग कॉलेज से पढ़ा हुआ है और यहां शकरपुर में रह रहा है।
वह इलाज कराने की एवज में उनसे मोटा कमीशन लेता था। आरोपी ने माना है कि उसने पहले भी एम्स में कई लोगों का इलाज करवाकर उनसे रुपये ऐंठे हैं।
यह भी पता चला है कि उसकी अलग-अलग विभाग में कई डॉक्टरों व मरीजों से जान-पहचान भी है। इस रैकेट में डॉक्टरों व संस्थान के कर्मचारियों की भी मिलीभगत है।
यहां बताते चलें कि पिछले सप्ताह ही सफदरजंग अस्पताल में भी ऐसा ही एक फर्जी डॉक्टर पकड़ा गया था।