नई दिल्ली। एक भारतीय सैनिक को कोर्ट मार्शल में दोषी करार दिया गया है और सजा सुनाई गई है, हालांकि अभी उसकी सजा की पुष्टि नहीं हो पाई है। यह सैनिक पिछले साल सितंबर माह में सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान में घुस गया था।
भारतीय सिपाही बाबूलाल चव्हाण को एक जनरल कोर्ट मार्शल के समक्ष दोषी ठहराया गया।
भारतीय सेना के मुताबिक सिपाही 26 सितंबर को पाक अधिकृत कश्मीर में दाखिल हो गया था जिसे पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया था।
पहले हालांकि कहा गया था कि उसने सर्जिकल स्ट्राइक के बाद रेखा को पार किया था लेकिन सेना ने बयान में स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय राइफल्स के इस सैनिक ने 26 सितंबर को रेखा पार की थी। सेना के विशेष बलों ने सीमा पार 28 से 29 सितंबर को आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
पाकिस्तान ने चव्हाण को इस साल 21 जनवरी को रिहा कर भारत को सौंपा था। सेना के सूत्रों ने कहा कि चव्हाण को दोषी ठहराए जाने के बाद सजा सुनाई गई है जिसकी पुष्टि अभी उपयुक्त प्राधिकारी द्वारा की जानी है। चव्हाण के नियंत्रण रेखा पार कर जाने की खबर सुनने के बाद उनकी दादी की मौत हो गई थी।
इस मुद्दे को पाकिस्तान सेना के महानिदेशक सैन्य संचालन (डीजीएमओ) के साथ विदेश मंत्रालय के स्तर पर उठाया गया था जिसके बाद सैनिक को रिहा कर दिया गया था।
मालूम हो कि सैन्य अदालत सैनिकों को नागरिकों की हत्या और दुष्कर्म को छोड़कर सभी प्रकार के अपराधों में दंडित कर सकती है। यह दोनों मामले न्यायिक अदालत के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।