लखनऊ। मोबाइल कम्पनियों के फ्री ऑफर से कोई कैसे लाखों-करोड़ों रुपए कमा सकता है, इसका जब खुलासा हुआ तो आतंकवाद निरोधक इकाई (एटीएस) भी चौंके बगैर न रह सकी। एटीएस ने सीतापुर व हरदोई में अवैध सिम व इंटरनेट री-चार्जिंग के काले धंधे का पर्दाफाश किया है।
एटीएस ने सात लोग पकड़े हैं। उनके पास से 48 हजार सिम, नौ लैपटाप, 95 मोबाइल फोन, जीपीआरएस मॉडम और फर्जी दस्तावेज व मुहर बरामद हुई है।
लखनऊ की एटीएस और सीतापुर की क्राइम ब्रांच टीम ने शहर कोतवाली इलाके से चार व संदना से एक आरोपी को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 47 हजार से अधिक एक्टीवेटेड सिम बरामद की हैं। ये लोग एक्टीवेटेड सिम पर मिलने वाले ऑफर के जरिये मोबाइल रीचार्ज व बिल भुगतान का कालाधंधा कर रहे थे।
वहीं संदना थाना क्षेत्र के कुसौली के मजरा लोधखेरवा में अरुण सिह के घर पर छापा मारा। वहां से 32,093 एक्टीवेटेड सिम, 20 एंड्रॉयड व 17 ऑर्डिनरी मोबाइल, एक लैपटॉप, हजारों की संख्या में फर्जी आइडी, फोटो के अलावा रजिस्टर बरामद हुए है।
बुधवार रात ही एटीएस की दूसरी टीम ने हरदोई पुलिस के साथ थाना बधौली क्षेत्र के एक मकान में छापा मारकर सुशील कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया और उसके पास 930 सिम, तीन लैपटाप, एक कंप्यूटर, 209 सीएएफ फार्म और 48 फर्जी मुहरें बरामद की है।
यूं करते थे फर्जीवाड़ा
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि रिटेलर व डीलर्स की मिलीभगत से फर्जी आइडी के सहारे सिम ली जाती थी। इन सिम पर सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा ऑफर के तहत दी जाने वाली टॉक वैल्यू के पेटीएम, एयरटेल मनी, ऑक्सीजन समेत अन्य मोबाइल एप के जरिये ई-वॉलेट में एकत्रित कर लिया जाता था। मोबाइल रीचार्ज, पोस्टपेड बिलों का भुगतान कर धनराशि को कैश करा लिया जाता था।
ऑनलाइन शॉपिग में भी इस धनराशि का इस्तेमाल किया जाता रहा है। इस धंधे में सिम सप्लाई करने वाले डीलर्स के अलावा विभिन्न कंपनियों के एजेंट भी शामिल है। पूछताछ के आधार पर संबंधित के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।