नई दिल्ली। राष्ट्रीय विसंगति कमेटी ने न्यूनतम सैलरी में बढ़ोतरी और फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। कुल 48 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी पिछले पांच महीनों से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक न्यूनतम सैलरी और फिटमेंट फैक्टर मिलने का इंतजार कर रहे हैं। उनका इंतजार दिसम्बर में खत्म होगा।
22 सदस्यीय एन.ए.सी. कमेटी वेतन वृद्धि पर अपनी रिपोर्ट 15 दिसंबर 2017 को पेश करेगी, जिसे बाद में केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
सरकारी कर्मचारी इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी न्यूनतम सैलरी मौजूदा 18,000 रुपए से बढ़कर 21,000 रुपए हो जाएगी और फिटमेंट फैक्टर मौजूदा 2.57 गुना से बढ़कर 3.00 गुना हो जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा एन.ए.सी. की न्यूनतम वेतन पर सिफारिशों को मंजूरी मिलने के बाद इसके अगले साल एक अप्रैल से लागू होने की उम्मीद है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 28 जून को 7 सीपीसी के तहत अन्य सिफारिशों के साथ ही न्यूनतम वेतन को 7,000 से बढ़ाकर 18,000 रुपए प्रति माह करने और फिटमेंट फैक्टर को 2.57 गुना करने को अपनी मंजूरी दी थी हालांकि, कर्मचारियों ने जून में मंजूर हुई सिफारिशों के प्रति अपनी असंतुष्टि जताते हुए सरकार से मांग की थी कि 7सीपीसी के तहत न्यूनतम वेतन को 18,000 से बढ़ाकर 26,000 रुपए प्रति माह और फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 3.68 गुना किया जाए।
मुद्रास्फीति को देखते हुए वेतन वृद्धि आवश्यक है और इसलिए इस संबंध में एन.ए.सी. द्वारा की गई सिफारिशों को स्वीकार करने का निर्णय लिया गया है।
डर यह भी
सरकार के आर्थिक सलाहकार संशोधित न्यूनतम वेतन पर एरियर को खत्म करने पर विचार कर रहे हैं, जो सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ डाल सकते हैं।