नई दिल्ली। देश में मुस्लिम लड़कियों को उच्च शिक्षा के मकसद से प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार दरियादिल हो गई है। सरकार स्नातक तक पढ़ाई पूरी करने के बाद शादी करने वाली अल्पसंख्यक लड़कियों को 51,000 रुपए की राशि बतौर ‘शादी शगुन’ देगी।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था ‘मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन’ (एमएईएफ) ने मुस्लिम लड़कियों की मदद के लिए यह निर्णय लिया है।
हाल ही अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की अध्यक्षता में हुई एमएईएफ की बैठक में लड़कियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति के संदर्भ में कुछ फैसले किए गए। इनमें यह फैसला भी लिया गया है।
इसके अलावा यह भी फैसला किया गया कि अब नौंवी और 10वीं कक्षा में पढ़ाई करने वाली मुस्लिम बच्चियों को 10 हजार रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। अब तक 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ाई करने वाली मुस्लिम लड़कियों को 12 हजार रुपए की छात्रवृत्ति मिल रही थी।
एमएईएफ के कोषाध्यक्ष शाकिर हुसैन अंसारी ने बताया कि इस योजना का मकसद सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम लड़कियों और उनके अभिभावकों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करना है कि लड़कियां विश्वविद्यालय या कॉलेज स्तर की पढ़ाई पूरी कर सकें। इस कदम को अभी आरंभिक तौर पर ‘शादी शगुन’ नाम दिया गया है।
अंसारी ने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मुख्तार अब्बास नकवी के प्रयासों को देते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे को सच करने का काम किया है।