नई दिल्ली। राष्ट्रवाद को समर्पित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का 92 साल पुराना सपना आखिर सच हुआ। यह पहला मौका है जब राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री, तीनों सर्वोच्च पदों पर R S S की झोली में हैं। इस लंबी तपस्या का इतिहास 92 साल पुराना है जब आरएसएस की स्थापना हुई थी। वेंकैया नायडू की जीत के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इतिहास रच दिया है।
उपराष्ट्रपति पद पर वेंकैया नायडू की जीत ने संघ के सपने को साकार कर दिया है।
देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति निर्वाचित वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संघ की देन हैं। अब पूरा विश्व भारत और आरएसएस की तरफ देख रहा है।
एक सी पारिवारिक पृष्ठभूमि
तीनों ही नेताओं की पारिवारिक पृष्ठभूमि एक सी रही है। तीनों सामान्य से भी गरीब परिवार से निकले हैं। राष्ट्रपति कोविंद का बचपन फूस के घर में बीता था। पीएम मोदी बचपन में चाय की दुकान पर चाय बेचते थे। नायडू के पिता किसान थे और काफी साधारण माहौल में उनकी परवरिश हुई। तीनों नेताओं की दीक्षा संघ से हुई।
इन तीनों नेताओं में एक और समानता है। तीनों ने बिना किसी सियासी गॉडफादर के पार्टी और राजनीति में अपनी जगह बनाई। संघ के सबसे प्राथमिक सदस्य के रूप में जुड़कर सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ते हुए तीनों नेताओं ने ऊंचाई हासिल की है।
इससे भी अहम बात यह है कि तीनों ही नेताओं की छवि काफी साफ-सुथरी मानी है। तीनों पर कभी भी भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे।