मुंबई। मोदी सरकार की नफरत ने गुजरात के शेर को महाराष्ट्र के शेर का आशीर्वाद दिला दिया। अब गुजरात में हार्दिक पटेल मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए चुनाव लड़ेगा और उसे इस कुर्सी तक पहुंचाने में शिवसेना साथ देगी। यह है आज की राजनीति।
कभी हिंदुत्व के नाम पर कंधे से कंधा मिलाकर खड़े नजर आने वाली बीजेपी-शिवसेना अब कट्टर दुश्मन की भूमिका में हैं। मंगलवार को शिवसेना मुख्यालय मातो में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में हार्दिक पटेल की जुबानी ताजपोशी तो हो गई, लेकिन गैर पटेल वोट किसकी वाट लगाएंगे यह तो चुनाव में ही पता चलेगा।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को गुजरात में शिवसेना का चेहरा घोषित कर दिया है। हार्दिक पटेल ने उद्धव के मुंबई स्थित निवास मातोश्री पर उनसे लंबी मुलाकात की।
बाद में हार्दिक पटेल के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस में उद्धव ने ऐलान किया कि महाराष्ट्र सरकार नोटिस पीरियड पर है, ये नोटिस पीरियड कब खत्म होगा, इस बारे में कुछ नहीं सकते। उन्होंने कहा कि शिवसेना के मंत्रियों के पास जेब में इस्तीफे हैं।
हार्दिक पटेल ने ट्वीट किया है कि शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे जी और आदित्य ठाकरे जी से शुभेच्छा मुलाक़ात, आज भी ” मातोश्री ” में शेर की दहाड़ सुनाई देतीं हैं। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि अच्छे लोगों से मिलकर बातें करना और उस बात को लोगों के बीच में ले जाना अच्छी बात हैं। सच में ” एक था टाइगर ” बाला साहेब को नमन:। हार्दिक ने ट्विटर पर दो फोटो भी ट्वीट किए हैं, जिनमें वे उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।