बेंगलुरु। यहां एक बार फिर से मोबाइल टावर चोरी की घटना सामने आई है। नार्थ बेंगलुरु के राजाजीनगर में एक निजी फर्म का मोबाइल टावर चोरी हो गया है। हैरान की बात ये है कि ये दोनों मोबाइल टावर एक ही कंपनी के थे और शिकायतकर्ता भी एक ही है। बेंगलुरु में सबसे पहले व्हाइटफील्ड डिवीजन के महादेवपुरा से एक मोबाइल टावर की चोरी का मामला सामने आया था। जिसके कुछ दिनों बाद अब नार्थ बेंगलुरु के राजाजीनगर में मोबाइल टावर चोरी की घटना सामने आई है। दिलचस्प बात यह है कि दोनों मामलों में शिकायतकर्ता एक ही है। शिकायतकर्ता एक निजी फर्म में काम करते हैं और अलग-अलग मोबाइल टावरों का रखरखाव करते है।
लेकिन अब जाकर पता चला है कि असल में मोबाइल टावर एक ही चोरी हुआ है और जिसकी शिकायत दो बार दर्ज हुई है। आइए जानें क्या है पूरा मामला?
जानिए मोबाइल चोरी घटना के बारे में?
1 जनवरी को शिकायतकर्ता ने सबसे पहले पुलिस से संपर्क किया और कहा कि बदमाशों ने महादेवपुरा में गोशाला रोड, गरुड़चारपाल्या से एक टावर, डीजल जनरेटर और बैटरी बैंक सहित सारा समान चुरा लिया। शिकायत के अनुसार, चोरी 1 अगस्त से 1 सितंबर 2022 के बीच हुई और चोरी हुए टॉवर और संबंधित सामग्री की कीमत 17 लाख रुपये थी।
पुलिस से संपर्क करने के बाद शिकायतकर्ता ने इस मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाया और एफआईआर दर्ज करने में हस्तक्षेप करने की मांग की।
निजी शिकायत रिपोर्ट (पीसीआर) के आधार पर सुब्रमण्यनगर पुलिस ने 18 जनवरी को आईपीसी की धारा 379 (चोरी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की। कार्यकारी ने कहा, “मोबाइल टावर 2010 में 1 ब्लॉक, राजाजीनगर में स्थापित किया गया था। इसे एक निजी सेलुलर फर्म को लीज्ड पर दिया गया था। हालांकि, फर्म ने 2017 के दौरान अपना कारोबार बंद कर दिया। जैसा कि हमने किराए पर देने की योजना बनाई थी। लेकिन हम 2019 और 2021 के बीच कोरोना महामारी सहित विभिन्न कारणों से टॉवर पर नहीं जा सके। 5 मई, 2022 को हमने घटनास्थल का दौरा किया और पाया कि टावर सामान के साथ चोरी हो गया था। इन चीजों की कीमत करीब 16 लाख रुपए है।”
पूरे मामले पर पुलिस ने क्या कहा?
जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह एक दुर्लभ मामला है और ऐसे कई प्रश्न हैं जिनका उत्तर हमें अभी नहीं मिला है। हमने शिकायतकर्ता से स्पष्टीकरण मांगा है और वह उनका जवाब देने में समय ले रहे हैं। एक बार जब वह जवाब मिल जाएगा तो हम भविष्य की कार्रवाई के बारे में फैसला करेंगे। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि “ये टावर कम से कम 50 फीट ऊंचे और 10 टन से अधिक वजन के होंगे। इन्हें नष्ट करने के लिए तकनीकी ज्ञान और पर्याप्त समय की आवश्यकता होती है।”