अमृतसर। पंजाब के अमृतसर में हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन का शुभारंभ भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने संयुक्त रूप से रविवार को होटल रेडिशन ब्ल्यू में किया। प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में पाकिस्तान का प्रत्यक्ष नाम लिए बगैर उसके द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के लिए हार्ट ऑफ एशिया में जमकर निशाना साधा।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरू की नगरी में सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि नगरी सिख गुरूओं द्वारा बसायी गयी है। जो हमें शांति का संदेश देती है। प्रधानमंत्री ने सिख धर्म के पहले धर्म गुरू नानक देव जी से अफगानिस्तान के काबुल के जुड़ाव का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान से हमारा बहुत करीबी रिश्ता है। प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान बहुत के राष्ट्रपति अशरफ गनी को हार्ट ऑफ एशिया न्यौता स्वीकार करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि अफगानिस्तान के सामने तमाम प्रकार की चुनौतियां हैं। लेकिन हम उसके खिलाफ मिलकर लड़ेंगे।
प्रधानमंत्री ने मंच से पाकिस्तान का नाम लिये बगैर कहा कि अफगानिस्तान में कुछ चुनौतियां आंतरिक हैं तो कुछ वाह्य हैं। मगर घबराने की जरूरत नहीं है। हम इसका एक कारगर समाधान निकालेंगे। क्योंकि आतंकवाद के खिलाफ चुप रहना, केवल आतंकवाद के आकाओं को बढ़ावा देता है। हमें मिलकर इससे लड़ना ही नहीं बल्कि इसका नाश करना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह तभी संभव है जब आतंकवाद के खिलाफ हम मिलकर इच्छाशक्ति दिखायें। अगर हमारी इच्छा शक्ति मजबूत है, तो आतंकवाद रूपी दानव का हम आसानी से खात्मा कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में अफगानिस्तान के पुर्ननिर्माण में किए जा रहे भारतीय सहयोग का उल्लेख करते हुए कहा कि काबुल में अफगानिस्तान का संसद भवन इस बात का प्रतिक है कि अफगानिस्तान में लोकतंत्र की बहाली के लिए भारत किस प्रकार से प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम एयर परिवहन कॉरिडोर से भारत-अफगानिस्तान को जोड़ने की योजना बना रहे हैं।
इसकेे पहले अपने सम्बोधन में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अफगानिस्तान के पुर्ननिर्माण में भारत द्वारा दिये जा रहे सहयोग के लिए धन्यवाद दिया था।