अमृतसर। ऑपरेशन ब्लूस्टार की 33वीं बरसी पर मंगलवार को स्वर्ण मंदिर में जमकर हंगामा हुआ। दो गुटों में विवाद के बाद माइक तोड़ दिए गए। खालिस्तान जिंदाबाद के नारों से माहौल गरमा गया। तनाव को देखते हुए पूरे शहर में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स तैनात कर दी गई है।
स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी मनाने के लिए मंगलवार को बड़ी तादाद में सिख धर्मावम्बी एकत्र हुए। इस दौरान संदेश पढऩे को लेकर विवाद शुरू हुआ और हंगामे में बदल गया।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने पहले ही साफ कर दिया था कि संदेश श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी गुरबचन सिंह ही पढ़ेंगे। लेकिन दूसरे गुट ने इसका विरोध कर दिया। जब दूसरे गुट के जत्थेदार ने संदेश पढऩा शुरू किया तो हंगामा शुरू हो गया और माइक तोड़ दिए गए। खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगने लगे।
प्रशासन को पहले से था अंदेशा
प्रशासन को ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी के मौके पर होने वाले इस कार्यक्रम में हालात बिगडऩे का पहले से अंदेशा था। इसलिए दरबार साहिब के इर्द-गिर्द सहित पूरे शहर में सुरक्षा के सख्त प्रबंध किए गए।
पुलिस भी लगातार फ्लैग मार्च कर लोगों को आश्वस्त करती रही कि किसी भी तरह की हिंसक घटना नहीं होने दी जाएगी। मगर मंगलवार को माहौल बिगडऩे के बाद एजेंसियां सतर्क हो गई। फिलहाल खबर लिखे जाने तक किसी प्रकार की कोई हिंसक वारदात नहीं हुई है।
क्या है ऑपरेशन ब्लू स्टार
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में बहुचर्चित ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया। दरअसल खालिस्तान समर्थक जरनैल सिंह भिंडरावाले और उनके समर्थकों ने स्वर्ण मंदिर पर कब्जा कर लिया था। वे बाहर आने को तैयार नहीं थे। इस पर खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ स्वर्ण मंदिर में 6 जून 1984 को ऑपरेशन ब्लूस्टार चलाया गया। इसमें कई लोग मारे गए थे। करीब 200 लोगों ने सरेंडर किया था।