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सीएम शिवराज ने तोड़ा अनशन, कहा किसानों के लिए सोचता रहता हूं

भोपाल। मध्यप्रदेश में धधकते किसान आंदोलन की लपटों को शांत करने के लिए शनिवार से दशहरा मैदान पर उपवास पर बैठे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार दोपहर उपवास तोड़ दिया।

 

उन्होंने किसान आंदोलन में मारे गए युवकों के परिजन के आग्रह पर उपवास खत्म किया। पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी ने उन्हें नारियल पानी पिलाकर और कैलाश विजयवर्गीय ने प्रसाद खिलाकर अनशन तुड़वाया।

किसान आंदोलन में पुलिस फायरिंग में मारे गए 6 लोगों में से 4 के परिजन ने आज शिवराज से मुलाक़ात कर अनशन तोड़ने को कहा था। शिवराज इसके लिए मान गए। सीएम ने कहा कि मैं एसी में बैठने वाला सीएम नहीं हूं। मैं हर समय किसानों के बारे में हो सोचता रहता हूं।

इससे पहले शनिवार सुबह दशहरा मैदान पर शिवराज अनि श्चितकालीन उपवास पर बैठ गए थे। मंदसौर में पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत का कलंक धोने के लिए शिवराज ने उपवास का गांधीवादी तरीका अपनाया। उनके साथ कई मंत्री भी उपवास पर बैठे थे।


शिवराज ने किसानों से शांति की अपील करते हुए कहा था कि बातचीत से ही शांति होगी। सरकार पूरी तरह किसानों के साथ है। खेती और किसान कल्याण सरकार की पहली प्राथमिकता है। सरकार ने किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं। फसल बीमा योजना लॉन्च की गई, खेतों तक पानी पहुंचाया गया।
उन्होंने ट्वीटर पर भी किसानों से शांति की अपील करते हुए लिखा ‘मेरे किसान भाइयों, बापू के देश में हिंसा की आवश्यकता नहीं है. हम-आप शांतिपूर्ण ढंग से हर समस्या का समाधान ढूंढ़ लेंगे…।’

मालूम हो कि फसलों की उचित कीमत और कर्ज माफी सहित अन्य मांगों को लेकर 1 जून से पूरे प्रदेश के किसान आंदोलन कर रहे हैं। आमजन दूध-सब्जियों के लिए तरस गया है।

इधर आंदोलन हिंसक हो गया। मंदसौर में पुलिस ने हिंसा पर उतरे किसानों पर फायरिंग कर दी। इससे 6 किसानों की मौत हो गई। हालांकि भाजपा सरकार का कहना है कि हिंसा किसान नहीं बल्कि अराजक तत्व कर रहे हैं।

इन मौतों के बाद शिवराज सरकार पूरी तरह से घिर गई है। कांग्रेस ने भाजपा सरकार को निशाने पर ले रखा है। सोशल मीडिया पर भाजपा-कांग्रेस समर्थक अपने-अपने तर्कों से इन 6 मौतों का पोस्टमार्टम कर रहे हैं।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पिछले दिनों नाटकीय घटनाक्रम के तहत मृतक किसानों के परिजन से मुलाकात कर चुके हैं। मध्यप्रदेश के इस किसान आंदोलन के बीच महाराष्ट्र का किसान आंदोलन फीका पड़ गया है। पूरे देश में एमपी का किसान आंदोलन सुर्खियां बना हुआ है।

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