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सास सोनिया बोलीं-दामाद रॉबर्ट वाड्रा मामले की जांच करा लें


दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को एक विवादित हथियार डीलर द्वारा कथित तौर पर लंदन में बेनामी कोठी देने संबंधी रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस इन रिपोर्टों को खारिज करते हुए इसे बेबुनिया आरोप करार दिया है।
इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चुप्पी तोड़ते हुए मंगलवार को कहा कि यह भी एक षडयंत्र का हिस्सा है। ये सब सरकार की साजिश है, अगर ऐसा कुछ है तो जांच करा लें। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
इससे पहले भाजपा नेता किरीट सोमैया ने इस मामले पर केंद्र सरकार को पत्र लिखकर सरकार से इस मामले के जांच की मांग की है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता संदीप दीक्षित ने कहा कि भाजपा नेता किरीट सोमैया के बेबुनियाद आरोप लगाने की पुरानी आदत है। यदि इसमें कुछ भी सच्चाई है तो उन्हें संबंधित अथॉरिटी से जांच करानी चाहिए। बजाए कि इस पूरे मामले के राजनीतिक इस्तेमाल करने के। उन्होंने कहा कि इस पूरे मसले पर रॉबर्ट वाड्रा पहले ही अपना पक्ष रख चुके हैं।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि रॉबर्ट वाड्रा पर लग रहे सारे आरोप आधारहीन हैं। इस बारे में राबर्ट वाड्रा के वकील ने मेल लिखकर अपना पक्ष रखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनका इस मामले से कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध नहीं है। जहां तक ईडी या इनकम टैक्स के नोटिस की बात ही जा रही है तो अभी तक उन्हें ईडी या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से कोई नोटिस नहीं मिला है। इसके साथ ही कांग्रेस प्रवक्‍ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस के विरोधियों द्वारा रॉबर्ट वाड्रा को सुव्‍यवस्थित ढंग से निशाना बनाया जा रहा है।
वहीं, भाजपा सांसद किरीट सोमैया ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह चौंकाने वाला तो है, लेकिन इसमें आश्चर्यजनक कुछ भी नहीं है। वह प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग से आग्रह करूंगा कि वह कथित संपत्ति और पूरे में मामले में वित्तीय अनियमित्ता या अपारदर्शिता की जांच करें। इन रिपोर्टों पर किरीट सोमैया ने कहा कि मैंने वाड्रा और संजय भंडारी से जुड़ी बेनामी प्रॉपर्टी मामले की जांच के लिए भारत सरकार, प्रवर्तन निदेशालय और इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट को लेटर लिखा है।’ उधर, सीनियर वकील और स्‍वराज अभियान से जुड़े प्रशांत भूषण ने भी इस मामले की जांच और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है।
इस मामले में केंद्रीय वित्‍त मंत्रालय उस जांच रिपोर्ट की समीक्षा कर रहा है जिसमें कहा गया था कि 2009 में वाड्रा के लिए विवादित आर्म्‍स डीलर संजय भंडारी ने लंदन में बेनामी कोठी खरीदी थी। इस खबर में कहा गया था कि मंत्रालय की जांच में उन ईमेल्‍स को परखा जा रहा है जो कथित तौर पर वाड्रा और उनके एग्जिक्‍युटिव असिस्‍टेंट मनोज अरोड़ा द्वारा भेजी गई थीं। हालांकि, वाड्रा के वकीलों ने इन आरोपों का पूरी तरह खंडन किया है।