नई दिल्ली। बैंगलोर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर और विक्टोरिया हॉस्पिटल के संयुक्त अध्ययन में कोरोना को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। शोधकर्ताओं का कहना है कि आंसुओं में भी कोरोना वायरस का आरएनए पाया जा सकता है। अभी तक हम जानते हैं कि कोरोना वायरस ड्रॉपलेट और ऐरोसोल से ही फैलता है।
शोधकर्ताओं ने 45 कोविड संक्रमित मरीजों पर यह परीक्षण किया। उन्होंने पाया कि एक मरीज के कंजंक्टिवा स्वाब में कोविड वायरस पाया गया, 24 वर्षीय युवक था जो लक्षणविहीन संक्रमण से पीड़ित था।
इस आधार पर शोधकर्ता अंबिका रंगिया का कहना है कि कंजंक्टिवा स्वाब में कोविड वायरस मिलने की संभावना बेहद कम है पर डॉक्टरों को संक्रमित मरीज की आंखों की जांच के समय सावधानी बरतनी चाहिए।
इसी तरह नेत्ररोगों के मरीजों का इलाज करते समय नेत्र चिकित्सकों को सतर्क रहना चाहिए। शोधकर्ता ने यह भी पाया कि आंखों से निकला संक्रमित तरल पदार्थ आम सतहों पर गिरकर अनजाने में ही संक्रमण फैला सकता है। जिसे कोई स्वस्थ व्यक्ति सूंघ ले तो उसे संक्रमण हो सकता है।